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केंद्र की टीकाकरण नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई ममता सरकार

सभी को फ्री वैक्सीन देने की फरियाद

कोलकाता/दि. 7 – पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तीसरी बार सीएम बनने के बाद बंगाल सरकार (Bengal Government) और केंद्र सरकार (Central Government) के बीच तकरार जारी है. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) लगातार कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार की नीति को लेकर सवाल उठाती रही है. ममता बनर्जी ने पहले पूरे देश को मुफ्त टीकों (Free Vaccine) की मांग की थी. इस बार पश्चिम बंगाल सरकार टीकों के मुफ्त वितरण की मांग को लेकर सीधे सुप्रीम कोर्ट (Surprme Court) का दरवाजा खटखटाया है.
बता दें कि पहले से ही कई राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में मुफ्त टीकाकरण की घोषणा की है. ममता बनर्जी ने भी राज्य के सभी लोगों को निःशुल्क वैक्सीन देने की घोषणा की है. राज्य सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार को देश भर में टीकाकरण के लिए एक समान नीति अपनाने की आवश्यकता है.
बता दें कि वैक्सीन निर्माण करने वाली दो कंपनियों ने अलग-अलग कीमतों पर राज्य सरकारों को वैक्सीन बेचने का फैसला किया है सीरम ने कहा कि वे राज्य सरकारों को 300 रुपये में कोव शील्ड बेचेंगे, जबकि इंडिया बायोटेक की ओर से बताया गया है कि को-वैक्सीन की खुराक 400 रुपये प्रति होगी. राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में फरियाद की है कि राज्य सरकार से कीमत लेना सही नहीं है. केंद्र सरकार को एक समान नीति अपनानी चाहिए ताकि राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन मिले और वह राज्य के लोगों को मुफ्त में दे. इसी समय, राज्य ने टीकों की कीमत में असमानता के बारे में सवाल उठाए हैं. हालांकि, अदालत ने पहले ही मामले पर केंद्र से जवाब मांगा है.

सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र को वैक्सीन उपलब्ध कराने और राज्यों को मुफ्त वितरण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. राज्य ने केंद्र से मूल्य असमानता की नीति में कटौती करने की भी अपील की है. सूत्रों के मुताबिक, वैक्सीन से जुड़ा मामला अगले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की पीठ में आएगा.

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