नई मुंबई/दि.2- बे मौसम बारिश, तूफानी हवाएं और ओलावृष्टि के कारण आम की फसल पर बुरा असर पड़ा है. उत्तर प्र्रदेश और आंध्र दोनों राज्यों में काफी आम होते हैं. दोनों ही राज्यों में इस बार आम पर प्रकृति कोप गई है. 50 प्रतिशत तक पैदावार कम होने का अंदाज जताया गया है.
आंध्र से स्थानीय बाजार में आम की आवक हर वर्ष की तुलना में इस बार कम है. मई अंत तक आंध्र से बड़ी मात्रा में आम की आमद होने की जानकारी यहां मंडी के लोगों ने दी. किन्तु इस बार दोनों राज्यों के आम उत्पादक और सप्लायर विशेष उत्साहित नहीं है. दूसरी ओर अनेक स्थानों पर पेड़ से ही आम का पूरा घड़ गलकर गिर गया है. फूल भी नहीं बने. ऐसी स्थिति में उत्पादन बढ़ने की कोई संभावना नहीं है. उधर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का कहना है कि इस बार कई स्थानों पर 20 प्रतिशत भी आम हाथ नहीं आएगा. 50 लाख मेट्रीक टन उत्पादन की आशा थी. अब वह 25 लाख मेट्रीक टन तक रह गई है. बिहार में भी आम का उत्पादन 17 लाख टन रहने की संभावना है. बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान से आम उत्पादन प्रभावित हुआ है.
* महाराष्ट्र में गर्मी
महाराष्ट्र में फरवरी महीने की गर्मी से इस बार आम की फसल आधी हो जाने की संभावना उत्पादक और व्यापारी जता रहे हैं. पिछली बार सीजन में देवगड से 45-50 हजार टन आम आये थे. इस बार 22-25 हजार मेट्रीक टन तक सप्लाई होने की संभावना है. गर्मी के कारण आम उत्पादन प्रभावित होने की जानकारी सूत्रों ने दी.