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आम की मीठास लाती है भारत और पाकिस्तान को निकट

अंतरराष्ट्रीय बाजार पेठ में मिलकर करते हैं चीन का मुकाबला

नई दिल्ली-दि.1 भारत व पाकिस्तान के बीच सीमा व कश्मीर मुद्दे का विवाद है. लेकिन एक बात में इन दोनों देशों में मित्रता है. चीन को टक्कर देते है आम से. आम दोनों देशों का राष्ट्रीय फल है. इसकी आंतरराष्ट्रीय व्यापार में दोनों देश मिलकर चीन से स्पर्धा करते है.
आम यह मूल भारतीय उपखंड का फल है. 1968 में देसी आम की 50 पेटी चीन को दी गई थी. चीनी नेता माओ यह इस फल को देखकर ज्यादा खुश नहीं हुए. उन्होंने स्वाद न चखते हुए सभी पेटियां कम्युनिस्ट पार्टी के कॉमरेड को भेज दी थी. यहीं से आम माओ का कॉमरेड्स के प्रति प्रेम का प्रतिक बना. फर्जी उत्पादन बनाने में महारथ हासिल चीन ने बाद में आम की अनेक प्रजाति विकसित की. लेकिन स्वाद बाबत उन्हें भारत-पाकिस्तान आम के उत्पादन में सफलता नहीं मिली है. फिर भी चीन ने अपना मजबूत व्यापार व्यवस्था के जोर पर सभी तरफ चीनी आम पहुंचाकर विश्व बाजार पेठ से भारत-पाकिस्तान के देशी आम का वर्चस्व समाप्त किया. यह स्थान फिर से प्राप्त करने के लिए अब भारत व पाकिस्तान मिलकर चीन से स्पर्धा कर रहे हैं.

* आम खाने के फायदे
आम में अ‍ॅटिआक्सिडंटस भरपूर रहता है, जो आयु बढाने वाली फ्री रॅडिक्सल से संरक्षण करता है. इस फल में रहा विटामिन ए और सी मजबूत प्रतिकार शक्ति के लिए आवश्यक है. आम में अमायलेसेस नामक आठ पाचक एंझाइम पाए जाते है. जो पचन संस्था के लिए लाभदायक रहते है.

* विश्व में सबसे अधिक आम का उत्पादन भारत में
– भारत- 1.51 करोड मैट्रिक टन
– चीन – 43 लाख मैट्रिक टन
– थायलंड – 26 लाख मैट्रिक टन
-इंडोनेशिया – 21 लाख मैट्रिक टन
– पाकिस्तान – 18 लाख मैट्रिक टन

* देश के विख्यात आम
– हापूस- महाराष्ट्र
-लगंडा – वाराणसी के आसपास
– दशहरी – लखनउ, मलिहाबाद
– जर्दालु – भागलपुर (बिहार)
– चौसा – उत्तर प्रदेश, बिहार
– केसर – गुजरात

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