* 25 को होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली/दि.21– ओबीसी आरक्षण को लेकर मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन रहने के चलते इस समय महाराष्ट्र राज्य में महानगरपालिकाओं के चुनाव अधर में अटके हुए है और कार्यकाल खत्म हो चुकी महानगरपालिकाओं में इस समय प्रशासक राज चल रहा है. इसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनेवाली थी और उम्मीद जताई जा रही थी कि, संभवत: सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई महत्वपूर्ण फैसला सुनाया जाये. जिसके बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू हो सके. किंतु आज सुप्रीम कोर्ट ने मनपा चुनाव को लेकर सुनवाई को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है और अब अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल का दिन मुकर्रर किया गया है. जिसके चलते मनपा चुनाव को लेकर मामला एक बार फिर अधर में ही जस का तस अटका हुआ है.
बता दें कि, ओबीसी आरक्षण के मामले को लेकर राज्य सरकार द्वारा विधान मंडल में विशेष कानून पारित किया गया है. जिसके चलते राज्य में 18 महानगरपालिकाओं हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई प्रभाग रचना को रद्द कर दिया गया है और नये सिरे से यह प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार सरकार के पास आ गया. सरकार द्वारा लिये गये इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. इस पर आज गुरूवार 21 अप्रैल को सुनवाई होनेवाली थी. उम्मीद जताई जा रही थी कि, यदि इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव करवाये जाने के बारे में आदेश दिये जाते है, तो अंतिम प्रभाग रचना के साथ ही प्रवर्गनिहाय आरक्षण व महिला-पुरूष आरक्षण की घोषणा करते हुए साधारणत: एक सप्ताह के भीतर आपत्ति व आक्षेपों की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए 25 अप्रैल को निर्वाचन कार्यक्रम घोषित किया जा सकेगा और आगामी 31 मई से पहले चुनाव करवाये जा सकेंगे, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने जैसे ही इस मामले में सुनवाई को मुल्तवी किया और अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख घोषित की, वैसे ही इस मामले की ओर नजर लगाये बैठे सभी लोगों की चुनाव को लेकर उम्मीदें धुमिल हो गई.
विधि विशेषज्ञों के मुताबिक यदि 25 अप्रैल को होनेवाली सुनवाई के दौरान ही इस मामले में कोई ठोस समाधान नहीं निकलता है, तो उस सूरत में बारिश का मौसम बीतने के बाद अक्तूबर माह के दौरान ही महानगरपालिकाओं के चुनाव करवाना संभव हो पायेगा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से कोई भी फैसला आने के बाद चुनाव करवाने के लिए राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को कम से कम 40 दिनों के समय की जरूरत पडेगी, ताकि चुनाव से संबंधित सभी तैयारियों व कामों को पूर्ण किया जा सके और इसी दौरान आगामी जून माह से बारिश का मौसम शुरू हो जायेगा. ऐसे में बारिश के मौसम दौरान चुनाव करवाना बिल्कुल भी संभव नहीं रहेगा. जिसके चलते अब यह लगभग तय है कि, राज्य की महानगरपालिकाओं के चुनाव आगामी अक्तूबर माह में होंगे और तब तक कार्यकाल खत्म हो चुकी सभी महानगरपालिकाओं में प्रशासक राज चलता रहेगा.