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अयोध्या में मांस, शराब पर पाबंदी

सीएम योगी के संकेत

अयोध्या/दि.16- अयोध्या में मांस और शराब पर प्रतिबंध लगाने के संकेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं. वे गुरुवार को अयोध्या यात्रा पर आएं थे. उन्होंने निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का अवलोकन किया. उन्हों कहा कि अयोध्या धर्म नगरी है. जनभावनाओं का आदर करते हुए यहां मांस और मद्यपान पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. इस बारे में शीघ्र बडा फैसला हो सकता है. देश के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी ऐसी पाबंदी है.
* हरिद्धार में है बंदी
हरिद्धार में मांस, मछलियां और अंडे, शराब बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है. यहां मांस और शराब नहीं मिलती. इसी प्रकार बाहर से लाकर भी इन पदार्थो का सेवन नहीं किया जा सकता. इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय में 2004 में ही उत्तराखंड सरकार का हरिद्धार और ऋषिकेष को मांसाहार से मुक्त रखने के निर्णय को कायम रखा था. हरिद्धार में 12 वर्षो में गंगा नदी के तट पर कुंभ मेला होता है.
पंजाब के अमृतसर के स्वर्णमंदिर परिसर में मांस और शराब नहीं बेची जाती. वहां इसका सेवन भी निषेध है. स्वर्णमंदिर सिखों का पवित्र धार्मिक स्थल है. रोजाना पूरी दुनिया से हजारों भक्त दर्शन हेतु आते हैं. एक पवित्र तालाब भी यहां है. संगमरमर की दीवारों पर बाहरी भाग में 24 कैरेट सोने का आवरण है.
मध्यप्रदेश के कुंडलपुर में भी मांस और शराब विक्री और सेवन पर पूर्णतया पाबंदी है. पिछले वर्ष शिवराजसिंह चव्हाण सरकार ने कुंडलपुर को आरक्षित क्षेत्र घोषित कियया था. यह सिद्धक्षेत्र श्रुत केओली श्रीधर का मोक्षस्थान है. श्री 1008 आदिनाथ भगवान की 1500 वर्ष पुरानी मूर्ति पद्ममासन मुद्रा में विराजमान है. जैन भक्त उन्हें बडे बाबा कहते हैं. देशभर के जैन धर्मियों हेतु यह एक ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्र है.
प्रयागराज में भी धार्मिक स्थलों के पास मांस विक्री और शराब सेवन प्रतिबंधित है. यहां तीन नदियों गंगा, जमुना, सरस्वती का संगम स्थल है. पहले अलाहबाद कहलाता था. वाराणसी में भी धार्मिक स्थलों के पास शराब और मद्यपान प्रतिबंधित है. काशी विश्वनाथ मंदिर की एक किमी परिधी में निर्बंध लागू है.
योगी सरकार ने भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में भी मांस और मद्यसेवन पर बंदी लगा रखी है. यूपी सरकार ने मथुरा-वृदांवन की कृष्ण जन्मभूमि के 10 वर्ग किमी क्षेत्र को तीर्थस्थान घोषित किया है.
पश्चित उत्तर प्रदेश के देवबंद शहर में भी धार्मिक स्थलों के पास शराब का सेवन प्रतिबंधित है. यह स्थान इस्लामिक शिक्षा व तत्वज्ञान के प्रचार के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इस्लामिक शैक्षणिक संस्था दारुल उलुम में उसका महत्वपूर्ण योगदान है. मंदाकिनी नदी के तट पर बसे चित्रकूट धाम में शराब का सेवन प्रतिबंधित है. मान्यता है कि भगवान श्री राम को वनवास हुआ था तो वे अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 11 वर्ष 11 माह 11 दिन चित्रकूट में थे.

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