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अफगानिस्‍तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक

गुटेरस ने तालिबान से की संयम बरतने की अपील

नई दिल्ली/दि.16 – संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को अफगानिस्तान में तालिबान के कब्‍जे से पैदा हुए हालात पर एक आपात बैठक की. बीते एक हफ्ते में सुरक्षा परिषद की यह दूसरी बैठक है. बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि मैं सभी पक्षों खासकर तालिबान से गुजारिश करता हूं कि वे लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए संयम बरतें और मानवीय जरूरतों को पूरा करना सुनिश्चित करें.
अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यह भी कहा कि अफगानिस्‍तान में जारी संघर्ष ने हजारों लोगों को घर छोड़ने को मजबूर कर दिया है. काबुल ने देश भर के प्रांतों से आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की भारी आमद देखी है. मैं सभी पक्षों को नागरिकों की रक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं. मैं सभी पक्षों का आह्वान करता हूं कि वे लोगों को जीवन रक्षक सेवाओं और सहायता के लिए निर्बाध पहुंच प्रदान करें.
एंटोनियो गुटेरस ने अचानक पैदा हुए इस मानवीय संकट पर कहा- मैं सभी देशों से शरणार्थियों को स्वीकार करने की अपील करता हूं. अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना होगा कि अफगानिस्तान को दोबारा कभी आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने दिया जाएगा. मैं सभी पक्षों को अफगानिस्तान के नागरिकों की रक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं.
बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक स्वर में बोलना चाहिए. मैं तालिबान और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और सभी व्यक्तियों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने का आह्वान करता हूं. उन्‍होंने यह भी कहा कि हमें पूरे अफगानिस्‍तान से मानवाधिकारों पर प्रतिबंधों की चौंकाने वाली रिपोर्टें मिल रही हैं. मैं विशेष रूप से अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते मानवाधिकारों के उल्लंघन से चिंतित हूं जो तालिबान राज के काले दिनों की वापसी से डरते हैं.

वहीं संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि गुलाम एम इसाकजई ने कहा कि आज मैं अफगानिस्तान के लाखों लोगों की ओर से बोल रहा हूं. मैं उन लाखों अफगान लड़कियों और महिलाओं की बात कर रहा हूं, जो स्कूल जाने और राजनीतिक-आर्थिक और सामाजिक जीवन में भाग लेने की स्वतंत्रता खोने वाली हैं. तालिबान दोहा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किए गए अपने वादों और प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं कर रहा है. आज अफगानिस्‍तान के लोग भय में जी रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यह भी कहा कि मैं यूएनएससी और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक साथ खड़े होने और एक साथ काम करने की गुजारिश करता हूं. सभी राष्‍ट्र अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकी खतरे को दबाने के लिए उपायों का इस्‍तेमाल करें और सुनिश्चित करें कि बुनियादी मानवाधिकारों का सम्मान किया जाएगा. अफगान लोग हमारे समर्थन के पात्र हैं. हम अफगानिस्तान के लोगों को इस तरह अकेला नहीं छोड़ सकते हैं.
संरा महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने अफगान लोगों की जान बचाने और उन्‍हें मानवीय सहायता पहुंचाने को भी कहा है. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने रविवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सभी अफगान लोगों खासकर महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों की रक्षा करने और जरूरतमंद नागरिकों को जीवन रक्षक मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है. एक ओर तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान के आने के बाद पूरी दुनिया आतंकवाद के फिर सिर उठाने की आशंका से चिंतित है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का तालिबान को लेकर एक बार फिर शर्मनाक बयान आया है. उन्होंने तालिबान के कब्जे पर कहा है कि अफगानिस्तान ने अपनी गुलामी की बेडि़यों को तोड़ दिया है.
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय में आया है, जब तालिबान वहां महिलाओं के साथ बर्बरता कर रहा है. घरों में लूटपाट और आगजनी की जा रही है. तालिबान आतंकी महिलाओं को उठाकर जबरन शादी कर रहे हैं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह बयान सत्तारूढ़ तहरीक ए इंसाफ पार्टी के एक कार्यक्रम में दिया है. उन्होंने कहा कि जब आप कोई संस्कृति अपनाते हैं तो इसे श्रेष्ठ मानकर उसके गुलाम हो जाते हैं. यह मानसिक गुलामी वास्तविक गुलामी से भी बदतर होती है.

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