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मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन इस हफ्ते आ सकती है भारत

GAVI के तहत सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध होगी डोज

नई दिल्ली/दि. 5 – अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन इस हफ्ते भारत आ सकती है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि कुछ आधिकारिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद वैक्सीन भारत आ जाएगी. इसके बाद देश के सरकारी अस्पतालों में इसे दिया जाएगा. कोरोना वायरस के खिलाफ मॉडर्ना वैक्सीन की प्रभावी क्षमता 94 फीसदी तक है.
ग्लोबल अलायंस फॉर वैक्सीन्स एंड इम्युनाइजेशन (GAVI) के एक प्रवक्ता ने एएनआई से कहा, “कोवैक्स की तरफ से, गावी अमेरिकी सरकार और दूसरे साझेदार देशों के साथ मिलकर जल्द से जल्द वैक्सीन की डोज लेने पर काम कर रहा है ताकि अन्य देश अपने सबसे जोखिम समूहों को बचा सके. वैक्सीन की डोज और समयसीमा के बारे में अधिक जानकारी सही समय पर दी जाएगी.”
GAVI एक पब्लिक-प्राइवेट साझेदारी के तहत किया गया ग्लोबल अलायंस है, जो विकासशील और गरीब देशों को वैक्सीन पहुंचाने का काम करता है. यह दुनिया भर के 50 फीसदी बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराता है. पिछले साल दिसंबर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को भी GAVI के बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.

  • पिछले सप्ताह भारत ने आयात को दी थी मंजूरी

मॉडर्ना ने पिछले सप्ताह एक बयान में बताया था कि अमेरिकी सरकार ने भारत सरकार को उपयोग के लिए ‘कोवैक्स’ के माध्यम से उसकी कोविड-19 वैक्सीन की निश्चित संख्या में डोज दान करने को सहमति व्यक्त की है और इन वैक्सीन के लिए केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से मंजूरी मांगी है.
पिछले सप्ताह ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन के भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आयात की मंजूरी दे दी है. ये मंजूरी इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए दी गई. भारतीय फार्मा कंपनी सिप्ला ने मॉडर्ना की वैक्सीन के आयात और वितरण से जुड़े प्राधिकार की अनुमति देने की मांग की थी.

  • देश में अब तक 35.28 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई गई

मॉडर्ना का कोविड-19 टीका mRNA वैक्सीन है. इस तकनीक का इस्तेमाल फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन में इस तरह से किया गया है कि वे मनुष्य की कोशिकाओं को कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन बनाने का अस्थायी निर्देश दे सकें. यह प्रोटीन वायरस की सतह पर पाया जाता है. यह वैक्सीन बॉडी के इम्युन सिस्टम को वायरस के हमले से रक्षा करना सिखाता है.
देश में उपलब्ध यह चौथी वैक्सीन होगी. अभी तक कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक-V के जरिए वैक्सीनेशन अभियान जारी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में अब तक करीब 35.28 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है, जिसमें 6.45 करोड़ लोगों को दोनों डोज लगाई गई है. वहीं राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों, निजी अस्पतालों के पास अभी 2 करोड़ डोज उपलब्ध है, जिसका इस्तेमाल होना है.

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