मोदी सरकार ने देशवासियों के जीवन की सुरक्षा के लिए सामयिक कदम उठाए
भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा
नई दिल्ली/दि.५– भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर न सिर्फ उपयुक्त समय पर कड़े निर्णय लिए और 130 करोड़ देशवासियों के जीवन की सुरक्षा के लिए सामयिक कदम उठाए बल्कि आपदा को अवसर में बदलने के उद्देश्य से अर्थव्यवस्था (Economy) का भी खयाल रखा.
ओडिशा प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने में जहां शक्तिशाली राष्ट्र असहाय महसूस कर रहे थे वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन लागू करने का निर्णायक फैसला किया ताकि लोगों के जीवन की रक्षा हो सके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि 130 करोड़ लोगों का जीवन किसी भी सूरत में बचाया जाना चाहिए. जान है तो जहान है का नारा देकर उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि आम जनजीवन उनकी प्राथमिकता रही.
नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन को इस महामारी के खिलाफ एक हथियार के रूप में उचित समय पर लागू किया गया और इसे प्रभावी तरीके से देशभर में क्रियान्वित भी किया गया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का ध्यान रखने के अलावा मोदी सरकार ने गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसे कई कार्यक्रमों के जरिए अर्थव्यवस्था की भी चिंता की.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा-नीत केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को प्रभावी तरीके से अवसर के रूप में बदलने का काम किया.
नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के बाद भाजपा को छोड़कर देश के सभी राजनीतिक ”निष्क्रिय” हो गए. उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में भाजपा ने डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए जनता से संवाद बनाए रखा और उनकी सेवा को तत्पर रही. भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में देश में कई कदम उठाए गए.
उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन लागू किया गया तब देश में कोविड-19 से लड़ाई के लिये एक भी समर्पित अस्पताल नहीं था, जबकि आज ऐसे अस्पतालों की संख्या 1500 से ज्यादा है और करीब 2.50 लाख से ज्यादा बिस्तर उपलब्ध हैं. इसी प्रकार कोविड जांच की क्षमता को प्रतिदिन 1,500 से बढ़ाकर 10.10 लाख तक पहुंचाया गया.
नड्डा ने इस मौके पर ओडिशा की बीजू जनता दल सरकार पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि आयुष्मान भारत योजना को राज्य में क्रियान्वित नहीं करके उसने गंदी राजनीति की और 2.4 करोड़ जनता को इससे मिलने वाली सुविधाओं से वंचित किया.