मोदीजी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर फिर किया हमला
नई दिल्ली/दि.१५ – संसद में भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह(RAJNATH SINGH) ने कहा कि यह सदन अवगत है चाईना, भारत की लगभग 38,000 स्क्वायर किलोमीटर भूमि का अनधिकृत कब्जा लद्दाख में किए हुए है. रक्षा मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी(NARENDRA MODI) सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा कि रक्षामंत्री के बयान से साफ है कि मोदी जी ने देश को चीनी अतिक्रमण पर गुमराह किया है.
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि हमारा देश हमेशा से भारतीय सेना के साथ खड़ा था, है और रहेगा. लेकिन, मोदी जी, आप कब चीन के खिलाफ़ खड़े होंगे? चीन से हमारे देश की ज़मीन कब वापस लेंगे? चीन का नाम लेने से डरो मत.
बता दें कि रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि 1963 में एक तथाकथित बाउंडरी एग्रीमेंट के तहत, पाकिस्तान ने क्कश्य की 5180 स्क्वायर किलोमीटर भारतीय जमीन अवैध रूप से चाईना को सौंप दी है. रु्रष्ट पर चीन ने सैनिक व गोला बारूद जुटा लिए हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सेना भी तैयार है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भी बताना चाहता हूं कि अभी तक भारत-चीन के बॉर्डर इलाके में कॉमनली डेलीनिएटिड रु्रष्ट नहीं है और रु्रष्ट को लेकर दोनों की धारणा अलग-अलग है.
इसी उद्देश्य से मैंने चार सितंबर को चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत की. सिंह ने कहा, ”मैंने स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहते हैं और चीनी पक्ष मिलकर काम करे. सिंह ने अप्रैल के बाद से पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध के हालात और सीमा पर शांति के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर किये गये प्रयासों का भी उल्लेख किया.
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे से संदेश दिया गया कि समस्त देशवासी जवानों के साथ खड़े हैं. सिंह ने अपने लद्दाख दौरे का जिक्र करते हुए कहा, ”मैंने भी जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया.
उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण का प्रश्न अभी अनसुलझा है और दोनों पक्ष मानते हैं कि सीमा जटिल मुद्दा है तथा शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये समाधान निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार किया जा सकता है और सीमा मुद्दे पर बातचीत की जा सकती है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी उल्लंघन वाली गतिविधि का द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़ेगा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच इन प्रमुख सिद्धांतों पर सहमति बनी है कि दोनों पक्षों को एलएसी का सम्मान और कड़ाई से उसका पालन करना चाहिए, किसी भी पक्ष को यथास्थिति के उल्लंघन का प्रयास नहीं करना चाहिए और दोनों पक्षों को सभी समझौतों का पालन करना चाहिए.
सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं. उन्होंने कहा, ”हमारी सेना ने भी जवाबी तैनातियां की हैं ताकि देश के सुरक्षा हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए. हमारे सशस्त्र बल इस चुनौती का डटकर सामना करेंगे.