Moody’s ने भारत के ग्रोथ आउटलुक को निगेटिव से अपग्रेड कर किया ‘स्टेबल’
नई दिल्ली/दि. 5 – रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की सरकारी साख को बरकरार रखते हुए देश के ग्रोथ आउटलुक को अपग्रेड कर ‘निगेटव’ से ‘स्टेबल’ कर दिया है. एजेंसी ने आउटलुक में सुधार के लिए अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गिरावट के जोखिम में कमी का हवाला दिया. मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग अब भी ‘Baa3’ की हुई है, जो सबसे निचला निवेश ग्रेड होता है.
मूडीज इनवेस्टर सर्विसेज ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “हमने भारत सरकार की साख को लेकर आउटलुक में बदलाव किया और इसे निगेटिव से स्टेबल श्रेणी में किया है. साथ ही देश की विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा लॉन्ग टर्म इशुअर रेटिंग और लोकल करेंसी रेटिंग बीएए3 पर बरकरार रखी गई है.” रेटिंग एजेंसी ने कहा, “बेहतर पूंजी और नकदी की अच्छी स्थिति से बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के स्तर पर जोखिम पूर्व के अनुमान के मुकाबले कम हुए हैं. अधिक कर्ज बोझ और ऋण वहन को लेकर कमजोर स्थिति के चलते जोखिम बना हुआ है. लेकिन मूडीज को उम्मीद है कि आर्थिक परिवेश अगले कुछ सालों में केंद्र और राज्यों सरकारों के राजकोषीय घाटे को धीरे-धीरे कम करने में मददगार होगा. इससे सरकारी साख में और गिरावट को रोका जा सकेगा.”
पिछले मंगलवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और रेटिंग एजेंसी मूडीज के प्रतिनिधियों ने आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं पर चर्चा की थी. बैठक के दौरान भारतीय अधिकारियों ने मूडीज के समक्ष भारत की सॉवरेन रेटिंग बेहतर करने की वकालत की थी. इस बैठक में मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम और आर्थिक मामलों के विभाग के अधिकारी एवं मूडीज के विश्लेषक शामिल हुए थे.
बैठक के दौरान वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने जून 2021 को समाप्त तिमाही में तीव्र जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का जिक्र किया. साथ ही राजकोषीय घाटा और कर्ज के आंकड़े भी साझा किए. केंद्र का राजकोषीय घाटा अप्रैल -जुलाई, 2021 के दौरान वित्त वर्ष 2021-22 के लिये तय बजटीय अनुमान का 21.3 प्रतिशत रहा. इसका मुख्य कारण गैर-जरूरी खर्चों में कटौती और कर तथा गैर-कर राजस्व संग्रह में वृद्धि है. पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में राजकोषीय घाटा सालाना लक्ष्य का 103 प्रतिशत तक पहुंच गया था.
मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने पिछले साल भारत की सरकारी साख ‘बीएए2’ से कम कर ‘बीएए3’ कर दी थी. उसने कहा था कि निम्न वृद्धि दर की स्थिति लगातार बने रहने और बिगड़ती राजकोषीय स्थिति के जोखिमों को कम करने के लिए नीतियों के कार्यान्वयन में चुनौतियां होंगी. मूडीज ने ग्रोथ आउटलुक निगेटिव रखा था.