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देश के सिर्फ 7 राज्यों में 10 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले

6 राज्यों में मौतों के आंकड़े चिंताजनक - स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली/दि.२२ – केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि देश में कोरोना का ग्राफ धीरे-धीरे नीचे आ रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को आंकड़े जारी कर कहा कि देश के सिर्फ सात राज्यों में रोजाना कोरोना के 10 हजार से ज्यादा नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं. जबकि 6 राज्यों में मौतों (के आंकड़े चिंताजनक स्तर पर हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव कुमार ने नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि देश के 93 जिलों में कोरोना के नए मामले कम होने के साथ पॉजिटिविटी रेट लगातार नीचे गिर रहा है.
लव अग्रवाल ने कहा कि ब्लैक फंगस की दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माता कंपनियां जोरशोर से जुटी हैं. फिलहाल एंबफोटेरेसिन बी देश में सीमित मात्रा में उपलब्ध है. इसका उत्पादन अब तेज किया जा रहा है. औषधि मंत्रालय इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है. 5 अन्य कंपनियों को इस दवा के उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में समग्र तौर पर पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी के नीचे आ गया है. कोरोना की रिकॉर्ड संख्या में टेस्टिंग के भी अच्छे परिणाम आ रहे हैं. यह शुक्रवार को 20 लाख से ज्यादा रहे हैं. मंत्रालय ने तमिलनाडु के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है. केंद्र सरकार ने माना है कि कोरोना की दूसरी लहर में गांवों में ज्यादा मामले सामने आए हैं. भारत में शनिवार को 2.57 लाख कोरोना के केस दर्ज किए गए हैं. इन 24 घंटों के दौरान 4194 मौतें कोरोना से हुई हैं.

  • आठ राज्यों में एक लाख से कम एक्टिव केस

संयुक्त सचिव ने बताया कि 8 राज्यों में प्रत्येक में 1 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. जबकि आठ राज्य ऐसे हैं, जहां 50 हजार से 1 लाख के बीच एक्टिव केस हैं. जबकि 20 राज्य ऐसे हैं, जहां 50 हजार से कम सक्रिय मरीज हैं. कुल मिलाकर पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी के करीब है. लेकिन 18 राज्यों में यह 15 फीसदी से ऊपर है. जबकि 14 राज्यों में 5 से 15 फीसदी के बीच पॉजिटिविटी रेट है. चार राज्य ऐसे हैं,जहां पॉजिटिविटी दर यानी कुल जांच के मुकाबले मरीजों का अनुपात 5 फीसदी से भी कम है. लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की बर्बादी में भी कमी आई है. कोरोना के नए मामलों में कमी पर नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि कई प्रदेशों में अंकुश (लॉकडाउन, कर्फ्यू) का असर है और हमारे व्यवहार से भी असर पड़ा है.पॉल ने कहा कि देश के बड़े भाग में महामारी अब स्थिर हो रही है. एक्टिव केस में कमी के साथ रिकवरी ज्यादा हो रही है. स्वास्थ्य सुविधाओं पर बोझ भी कम हुआ है.
पॉल ने कहा कि बच्चे भी कोरोना को लेकर सतर्कता बरतें (covid appropriate behaviour) अपनाएं, क्योंकि वो काफी लोगों से मिलते हैं. बच्चों में संक्रमण होता है. यह सीरो सर्वे में भी आया है. बच्चे संक्रमण फैला भी सकते हैं. ज्यादातर बच्चों में मामूली लक्षण के साथ यह बीमारी होती है. मृत्यु दर काफी कम होती है.कुल संक्रमित बच्चों का 3-4त्न ही अस्पताल में दाखिल होते हैं. आगे के लिए तैयारी होनी चाहिए.

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