डेंगू खत्म करने मच्छर को मारेंगे मच्छर
अमेरिका के फ्लोरिडा में छोड़े जाएंगे ७५ करोड़ जेनेटिकली मोडिफाईड मच्छर
न्यूयार्क/दि.२१– अमेरिका में डेंगू को खत्म करने के लिए मच्छर ही मच्छर से लड़ेंगे. अमेरिका के फ्लोरिडा में 75 करोड़ जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर छोड़े जाएंगे. इस पहल का लक्ष्य है स्थानीय स्तर पर डेंगू और जीका वायरस का खतरा फैलाने वाले मच्छरों की संख्या को घटाना है. कई सालों में पर्यावरण विशेषज्ञों के बीच यह बहस का विषय रहा है कि मच्छरों को छोडऩे पर अगर स्थिति बिगड़ती है तो जिम्मेदार कौन होगा. इस पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल चुकी है. यहां बता दें कि लैब में खास तरह के नर मच्छर तैयार किए जाते हैं, इनमें एक विशेष प्रोटीन होता है. इसे जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर कहते हैं. नर मच्छर कभी भी बीमारी की वजह नहीं बनता है क्योंकि यह इंसानों को नहीं काटता है. यह भोजन के लिए फूलों के रस पर निर्भर रहता है. इंसानों को काटने और जानलेवा बीमारियां फैलाने का काम मादा मच्छर करती है. जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर को उन जगहों पर छोड़ा जाएगा जहां पहले से मच्छरों की संख्या ज्यादा है. जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर मादा मच्छरों के साथ ब्रीडिंग करेगा. मोडिफाइड नर मच्छर में खास तरह का प्रोटीन होगा जो ब्रीडिंग के दौरान मादा में पहुंचेगा. इसके कारण नए पैदा होने वाले मादा मच्छर इंसानों को काटने की उम्र तक पहुंचने से पहले मर जाएंगे. नर मच्छर का जीन अगली पीढ़ी में पहुंचेगा और धीरे-धीरे मादा मच्छरों की संख्या घटेगी. कुछ समय बाद इंसानों में डेंगू, जीका, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का आंकड़ा भी घटेगा.
मई में अमेरिकी एनवॉयर्नमेंटल एजेंसी ने ब्रिटिश कम्पनी ऑक्सीटेक को जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छर तैयार करने की अनुमति दी थी. लैब में मेल एडीज इजिप्टी मच्छर तैयार किए जाएंगे, इनका नाम ओएक्स 5034 रखा गया है. इन्हें 2021 में फ्लोरिडा के एक आइलैंड पर रिलीज किया जाएगा. दो साल की अवधि में कुल 75 करोड़ मच्छर छोड़े जाएंगे.
पायलट प्रोजेक्ट चलाने वाली कम्पनी ऑक्सीटेक के लोगों का कहना है कि ऐसा करने पर इंसान और पर्यावरण दोनों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. सरकार की ओर से हुई रिसर्च में यह बात सामने भी आई है. कम्पनी का कहना है कि इस पर ब्राजील में रिसर्च भी हो चुकी है, जिसके नतीजे सकारात्मक रहे हैं. फ्लोरिडा के अलावा टेक्सास में भी 2021 में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की योजना बनाई जा रही है.