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माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई ६६ साल में ८६ सेंटीमीटर बढ़ गई

नेपाल-चीन ने सबसे ऊंची चोटी की नई ऊंचाई की घोषणा की

काठमांडू/बीजिंग/दि. ९ – दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई ८,८४८,८६ मीटर हैे. यह भारत द्वारा १९५४ में किए गये माप से लगभग ८६ सेंटीमीटर अधिक है. सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा १९५४ में किए गये माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई ८,८४८ मीटर थी. नेपाल और चीन ने मंगलवार की संयुक्त रूप से माऊंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की घोषणा की. नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने काठमांडू में माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की घोषणा वर्चुअल कार्यक्रम में की. इसमें चीन के विदेश मंत्री वायं यी भी मौजूद थे. नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कार्यक्रम में शामिल थे. वहीं चीन के पिछले माप के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई ८८४४.४३ मीटर है.जो नेपाल की गणना से ४ मीटर कम थी. इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं ने माउंट एवरेस्ट पर स्केल माप और वैज्ञानिक अनुसंधान के ६ दौर आयोजित किए है.

  • भूकंप के कारण बढ़ी ऊंचाई

नेपाल और चीन पिछले एक साल से माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की माप कर रहे थे. २०१५ में नेपाल में आए भंयकर भूकंप के बाद से ही यह माना जा रहा था कि माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई ८,८४८ मीटर नहीं रही है इसलिए नेपाल ने दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर की ऊंचाई मापने की तैयारी की. भूकंप वैज्ञानिको के अनुसार माउंट एवरेस्ट भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के किनारों के बीच स्थित है, जहां भूगर्भीय बदलाव तेजी से हो रहा है. इससे माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर असर पड़ रहा है.

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