म्यांमार में लोकतंत्र बहाली की मांग को लेकर आंदोलन
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सेना-पुलिस की गोली से 50 लोकतंत्र समर्थकों की मौत
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10 से ज्यादा घायल
यांगून/दि. २७ – म्यांमार में शनिवार का दिन बेहद हिंसात्मक रहा. लोकतंत्र बहाली की मांग कर रहे लोगों पर म्यांमार की सेना ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई, जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. जब ये घटना हुई, तब म्यांमार सेना के जनरल सशस्त्र सेना दिवस समारोह सेलिब्रेट कर रहे थे.
Myanmar Now की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार तड़के यांगून के डाला उपनगर में एक पुलिस स्टेशन के बाहर लोग प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान सुरक्षाबलों ने भीड़ पर गोलीबारी की, जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए. इस घटना में 10 लोग घायल हो गए.
शहर के इंसेन जिले में विरोध प्रदर्शन करने पर स्थानीय अंडर -21 फुटबॉल टीम में खेलने वाले एक खिलाड़ी समेत तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. म्यांमार नाउ के अनुसार मांडले में पुलिस और सेना की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए. न्यूज पोर्टल के अनुसार मांडले के पास सागिंग क्षेत्र, पूर्व में लाशियो शहर, यांगून के पास और अन्य जगहों पर भी मौतें हुईं.
जनरल ने दोहराया चुनाव का वायदा
म्यांमार नाउ ने कहा कि शनिवार को सेना-पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 50 लोग मारे गए. हालांकि मारे गए लोगों की संख्या की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है. इससे पहले राजधानी Naypyitaw में सशस्त्र सेना दिवस मनाने के लिए आर्मी के जनरल इकट्ठे हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए Senior General Min Aung Hlaing ने बिना किसी समय-सीमा के चुनाव कराने का वादा दोहराया.
सरकारी टेलिविजन चैनल पर लोगों को संबोधित करते हुए सीनियर जनरल मिंग ने कहा,देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए सेना आम लोगों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर चलना चाहती है. उन्होंने अपने भाषण में यह भी जोड़ा कि सरकार देश में लोगों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करेगी. सीनियर जनरल ने कहा कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए हिंसा करके देश की सुरक्षा और स्थिरता को खतरे में डालना अनुचित है.
म्यांमार में अब तक 328 लोगों की मौत
शनिवार को हुई 50 मौतों के साथ म्यांमार में अब तक मरने वाले कुल लोगों की संख्या भी बढ़कर 328 हो गई है. म्यांमार के जनरल ने 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट किया था. जनरलों ने स्टेट काउंसलर सू की समेत राष्ट्रपति और दूसरे नेताओं को गिरफ्तार करके अज्ञात स्थानों पर बंद कर रखा है. स्ह्वह्व ्य4द्ब की पार्टी के नेताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
म्यांमार में जनता पर हो रहे दमन पर कड़ा रुख अपनाते हुए अमेरिका और यूरोपीय संघ ने मिलिट्री जुंटा पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. इससे पहले रूस के उप रक्षा मंत्री Ale&ander Fomin म्यांमार के मिलिट्री शासकों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए शनिवार को Naypyitaw में मिलिट्री परेड देखने पहुंचे थे. उन्होंने परेड देखने के बाद म्यांमार के कई सीनियर जनरलों से बातचीत भी की.
म्यांमार के सीनियर जनरल Min Aung Hlaing ने कहा कि रूस एक सच्चा दोस्त है. इस मिलिट्री परेड में रूस के अलावा अन्य किसी देश के राजनयिक ने भाग नहीं लिया. म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से लोग लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और फौज से लोकतंत्र बहाल करने की मांग कर रहे हैं.