देश की नई पीढ़ी को नेतृत्व देने के लिए तैयार होने की आवश्यकता
पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युवा संसद के समापन समारोह में कहा
नई दिल्ली/दि.१२– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद के स्थान पर ईमानदारी एवं प्रदर्शन को जगह मिल रही है. देश के युवाओं को परिवार आधारित राजनीति को समाप्त करने एवं लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए. मोदी ने स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती के मौके पर संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय युवा संसद के समापन समारोह को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए यह आह्वान किया और कहा कि देश को नई पीढ़ी को नेतृत्व देने के लिए तैयार होने की आवश्यकता है. इस मौके पर केन्द्रीय कक्ष में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू मौजूद थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले देश में ये धारणा बन गई थी कि अगर कोई युवक राजनीति की तरफ रुख करता था तो घर वाले कहते थे कि बच्चा बिगड़ रहा है. क्योंकि राजनीति का मतलब ही बन गया था- झगड़ा, फसाद, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार. लोग कहते थे कि सब कुछ बदल सकता है लेकिन सियासत नहीं बदल सकती. लेकिन आज राजनीति में ईमानदार लोगों को भी मौका मिल रहा है. ईमानदारी एवं प्रदर्शन आज की राजनीति की पहली अनिवार्य शर्त होती जा रही है. भ्रष्टाचार जिनकी विरासत थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है. वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उभर नहीं पा रहे हैं.
मोदी ने देश भर से आए युवाओं को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार युवा संसद देश की संसद के केन्द्रीय कक्ष में हो रही है. ये केन्द्रीय कक्ष हमारे संविधान के निर्माण का गवाह है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को देश के युवाओं के लिए सदा से प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानी स्वामी विवेकानंद से बहुत प्रभावित थे. जब भी गिरफ्तार किए गए, उन्होंने सदैव स्वामी जी की कृतियों का अनुसरण किया. तब स्वामी जी की शिक्षाओं का मूल्यांकन हुआ कि वे युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना के संचार के लिए कितनी प्रभावी हैं.उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एक और अनमोल उपहार दिया है. ये उपहार है, व्यक्तियों के निर्माण का, संस्थाओं के निर्माण का. लोग स्वामी जी के प्रभाव में आते हैं, संस्थानों का निर्माण करते हैं, फिर उन संस्थानों से ऐसे लोग निकलते हैं जो स्वामी जी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए नए लोगों को जोड़ते चलते हैं.
उन्होंने नई शिक्षा नीति को स्वामी विवेकानंद से प्रभावित बताते हुए कहा कि नयी शिक्षा नीति व्यक्तियों और देश के बेहतर विकास पर केन्द्रित है ताकि देश बेहतर बन सके. यह नीति युवाओं की समझ, उनकी निर्णयों एवं उनके विश्वास को प्राथमिकता देती है. मोदी ने कहा कि देश का युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए आज एक वातावरण और इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है. शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है.