सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर अगली सुनवाई 19 को
आज सुनवाई के दौरान कई मामलों को लेकर हुई महत्वपूर्ण बहस
* कोर्ट ने अगले आदेश तक नए नोटिफिकेशन किये स्थगित
* जहां चुनावी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, वहां नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ
* राज्य सरकार ने ओबीसी संवर्ग का इम्पिरिकल डेटा किया पेश
नई दिल्ली/दि.12- महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि जहां अधिसूचनाएं जारी हो चुकी हैं, वहां निर्वाचन प्रक्रिया जारी रहेगी, लेकिन नई अधिसूचना अगले आदेश तक स्थगित रहेंगी. इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जहां-जहां चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो गई है, वहां निर्वाचन प्रक्रिया चालू रहेगी, लेकिन नई अधिसूचनाएं अगले आदेश तक स्थगित रहेंगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस क्षेत्र के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है, वहां प्रत्याशी को आरक्षण नहीं मिलेगा. वह क्षेत्र ओबीसी आरक्षण के दायरे से बाहर होगा. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को करेगा.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि स्थितियों के आधार पर कोर्ट आदेश दे सकता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां भी नोटिफिकेशन जारी हो चुका है, वहां हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे. लेकिन जिन स्थानीय निकायों में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, वहां हम मंगलवार की सुनवाई में तय करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. जल्द ही कुछ जगहों पर नॉमिनेशन शुरू भी हो जाएगा. इसलिए सुनवाई न टाली जाए. वहीं याचिकाकर्ता महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण आयोग की ओर से 800 पेज की रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. लिहाजा इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर दाखिल करने के लिए कुछ समय दिया जाए.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि अगर नामांकन हो चुका है, तो आप अब क्या कर सकते हैं? इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने भी कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी हुई है, लेकिन जिला परिषद और नगर निगमों के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जो अधिसूचना जारी हो गई, वो हो गई. अब उसी के मुताबिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए. लेकिन जिन चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं हुई है, उनको फिलहाल रोक दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.