बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार बनेंगे मुख्यमंत्री
एनडीए सरकार ने बिहार के लोगों के लिए काफी काम किया देवेंद्र फडऩवीस ने दी जानकारी
नई दिल्ली/दि.२५ – बिहार में चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. सरकार व विपक्ष चुनाव को लेकर अलर्ट मोड में आ गई है. इस भाजपा नेता व बिहार चुनाव के बीजेपी प्रभारी देवेंद्र फडऩवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा है कि बिहार में एक बार फिर से नीतीश कुमार ही सीएम बनेंगे.
उन्होंने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ मिलकर बिहार सरकार ने काफी अच्छा काम किया है. बिहार सरकार ने बिहार के लोगों के लिए काफी काम किए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि COVID के दौरान दुनिया में पहली बार इस महामारी से लड़ते हुए किसी सरकार लोगों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. बिहार के लोगों को मोदी जी पर भरोसा है, नीतीश कुमार जी के तहत भी सरकार है और सुशील मोदी जी ने लोगों के लिए काम किया है. मुझे विश्वास है कि लोग एनडीए को फिर से चुनेंगे. पिछले कुछ समय से अभिनेत्री कंगना रनौत जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत समेत अन्य मामले में एक के बाद एक ट्वीट कर शिवसेना सरकार पर हमलावर है, इसे देखते हुए लोगों के दिमाग में एक सवाल आता है कि क्या कंगना रनौत भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाली हैं? इस सवाल के जवाब में खुद कंगना ने पिछले दिनों कहा था कि मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रही हूं.
अब इस मामले में लोकमत से बात करते हुए खुद भाजपा नेता व पूर्व सीएम देवेंद्र फडऩवीस ने भी कहा है कि कंगना के भाजपा में शामिल होने को लेकर अभी कोई बात नहीं हो रही है. इस मामले को उद्धव ठाकरे सरकार ने बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है. कंगना कोई राष्ट्रीय नेता नहीं है लेकिन महाराष्ट्र सरकार कंगना को भाजपा से जोड़ कर मामले को बढ़ा रही है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि बिहार की जनता NDA को बहुमत दिलाएगी, नीतीश कुमार जी फिर मुख्यमंत्री बनेंगे. इसके दो कारण बहुत साफ हैं, एक तो जदयू, BJP की सरकार ने LJP के साथ मिलकर जो काम किया और इसके साथ नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बिहार के लिए जो काम हुआ.
बता दें कि बिहार में विधान सभा चुनाव 2020 की तारीखों का ऐलान हो गया है. बिहार में 28 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव शुरू है. कुल तीन चरणों में चुनाव संपन्न होना है. 10 नवंबर को बिहार का ताज किसके माथे सजेगा इसका फैसला होना है. यही वजह है कि चुनावी तारीखों के ऐलान होते ही सभी दलों के नेता मैदान में उतर गए हैं.