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महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना नहीं

केन्द्र सरकार का दावा : राज्य के तज्ञों के विचारों पर आपत्ति

नई दिल्ली/दि.18 – महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना नहीं होने का दावा केन्द्र सरकार ने किया है. महाराष्ट्र के कोरोना टास्क फोर्स के सदस्यों डॉ. शशांक जोशी ने यह बयान किया था. उस पर राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समिति के कार्य गट के सदस्यों ने तीखी आपत्ति जताई है.
डॉ. शशांक जोशी ने कहा था कि ब्रिटेन में दूसरी लहर कमजोर होने के बाद चार सप्ताह में ही तीसरी लहर आयी थी. लोगों ने ठीक से दक्षता नहीं बरती यही स्थिति अपने यहां भी निर्माण हो सकती है. महाराष्ट्र समेत देश में कोरोना के नये मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है. टीकाकरण की रफ्तार भी बढाई गई है. ऐसे में लोगों के मन में भय उत्पन्न करनेवाला बयान डॉ. जोशी ने किया है. इस तरह की आपत्ति एनटी एजीआय के विशेषज्ञों ने उठाई है. एनटी एजीआय के प्रमुख डॉ. एन के अरोरा ने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार किया. ऐसे बयानों की केन्द्र सरकार उचित दखल लेगी. ऐसा उन्होंने कहा.

शास्त्रीय निरीक्षण की जोड नहीं

एनटीएजीआय ने कहा कि महाराष्ट्र में आगामी दो से चार सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर आयेगी. इस बयान को किसी भी शास्त्रीय निरीक्षक की जोड नहीं है. देश की 50 से 60 प्रतिशत जनता को सामूहिक प्रतिकार शक्ति का संरक्षण मिला है. जिससे आगामी 6 महिने में तो भी तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है. इससे पहले किए सिरो सर्वेक्षण में भी यह बात स्पष्ट हुई.

तीसरी लहर में छोटे बच्चों को धोखा नहीं-एम्स

फिलहाल अस्तित्व में रहनेवाले कोरोना विषाणु के प्रकारों से इस संक्रमण की तीसरी लहर में दो वर्ष अथवा उससे ज्यादा उम्र के बच्चों पर विपरित परिणाम नही होगा, ऐसा एम्स ने किए हुए नये मुआयने के निष्कर्ष में कहा है. इस मुआयने के लिए 15 मार्च से 10 जून इस समयावधि में कोरोना विषाणु मरीजों बाबत दिल्ली, भूवनेश्वर, अगरतला आदि जगह से जानकारी इकट्ठा की गई.

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