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जीवनरक्षक दवा नहीं

रेमेडीसिवीर को लेकर केंद्र सरकार ने किया स्पष्ट

नई दिल्ली/दि.१९ – देश में कोरोना के केस खतरनाक ढंग से हर दिन बढ़ रहे हैं. देश में सोमवार को कोरोना के 2.73 लाख मामले सामने आए हैँ कोरोना के इन बढ़ते मामलों के चलते ज्यादातर बड़े शहरों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई है. कोरोना के उपचार में प्रभावी पाई गई दवा Remdesivir की भी कमी हो गई है. Remdesivir के लिए जरूरतमंदों की भीड़ लग रही है लेकिन यह दवा ज्यादातर लोगों को यह नहीं मिल पा रही. इस एंटीवायरल ड्रग के लिए मारामारी के बीच केंद्र सरकार ने एक ट्वीट में साफ किया है कि Remdesivir जीवनरक्षक दवा नहीं है और इसका कोविड पेशेंट पर गैरजरूरी व अतार्किक उपयोग अनैतिक है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि Remdesivir सिर्फ “e&perimental investigational drug” है और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मॉडरेट सिक पेशेंट पर ही आपात स्थिति में इसके उपयोग को मंजूरी दी गई है. मंत्रालय की ओर से यह कहा गया है कि इसे घर में नहीं दिया जाना चाहिए. Remdesivir से रिकवरी जल्दी होती है लेकिन इसे कब देना है, ये डॉक्टर ही बेहतर तय कर सकते हैं. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि यह मृत्यु दर को कम नहीं करता. गौरतलब है कि सोमवार को लगातार दूसरे दिन देश में ढाई लाख से ज़्यादा नए कोविड-19 केस दर्ज किए गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में 2,73,810 नए कोरोना मामले सामने आए, जबकि एक दिन में वायरस के चलते 1,619 मौतें दर्ज हुईं. यह दोनों ही एक दिन में अब तक दर्ज हुई सबसे बड़ी संख्याएं हैं. इन आंकड़ों को जोड़कर कोरोना का फैलाव होने के बाद से देशभर में अब तक 1,50,61,919 लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, और कुल 1,78,769 लोगों ने वायरस के कारण जान गंवाई है. कोरोना के बढ़ते केसों के कारण प्रभावित राज्यों में स्वास्थ्यगत ढांचा चरमरा गया है. अस्पतालों में बेड्स, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी हो गई है.

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