नई दिल्ली /दि.२४- पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया गया है. केंद्रीय कैबिनेट से इसको बढ़ाने की मंजूरी मिल गई है. यानी अब इस योजना के तहत मार्च 2022 तक लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का मार्च 2020 में ऐलान किया गया था. इस योजना का मकसद कोरोना महामारी द्वारा हुए तनाव को कम करना है. शुरुआत में, स्कीम को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था. लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत, सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत पहचान किए गए 80 करोड़ राशन कार्डधारकों को मुफ्त राशन देती है. मुफ्त राशन कार्डधारकों को राशन की दुकानों के जरिए मिलने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा और ऊपर होता है.
योजना के तहत किसे और कितना फायदा मिलता है?
केंद्र सरकार की इस योजना के अंदर भारत के करीब 80 करोड़ राशनकार्ड धारकों को प्रति महीना, प्रति सदस्य 5 किलो अधिक अनाज (गेहूं-चावल) दिया जाता है. आपको बता दें कि देश के जिस नागरिक के पास भी राशन कार्ड उपलब्ध है, उसे अपने कोटे के राशन के साथ-साथ इस योजना के तहत हर महीने 5 किलो अतिरिक्त राशन मिल रहा है. इस योजना के तहत मुफ्त अनाज उसी राशन की दुकान पर मिलेगा, जहां से राशन कार्ड पर मिलता है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज का फायदा उन लोगों के लिए नहीं है, जिनका राशन कार्ड नहीं है. यह योजना राशनकार्ड धारकों तक ही सीमित है, जिनकी संख्या देश में 80 करोड़ से ज्यादा है.
योजना का फायदा नहीं मिलने पर ऐसे कर सकते हैं शिकायत
आपको बता दें कि अगर आपके राशन कार्ड है और राशन डीलर इस योजना के तहत आपके कोटे का आनाज देने से मना कर रहे हैं, तो आप टोल-फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं. नेशनल फूड सिक्योरिटी पोर्टल पर हर राज्यों के लिए टोल फ्री नंबर मौजूद होते हैं. इस पर कॉल कर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा अगर आप चाहें तो NFSA की वेबसाइट https://nfsa.gov.in पर जाकर मेल लिखकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इससे पहले ऐसी खबरें थीं कि केंद्र सरकार का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के जरिए मुफ्त राशन के वितरण को 30 नवंबर के बाद बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. यह बयान खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने दिया था. पांडे ने अर्थव्यवस्था में रिकवरी और OMSS पॉलिसी के तहत खुले बाजार में अनाज के अच्छे निपटान को इसकी वजह बताया था.