नई दिल्ली/दि.२१- उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान आज 21 अगस्त को विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बीआईएस द्वारा ज्वेलर्स और शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार किए गए मॉड्यूल का लोकार्पण किया हैं. यह सूचना पासवान ने ट्वीट कर दी है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने ज्वेलरों के पंजीकरण और पंजीकरण के नवीनीकरण की ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की. इसी के साथ सोने के जेवरातों की एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता और मान्यता के नवीनीकरण लिए भी ऑनलाइन प्रणाली लांच की गई.
सोने की ज्वेलरी और शिल्प वस्तुओं में 100 प्रतिशत हॉलमार्किंग अनिवार्य करने से पहले ऐसी व्यवस्था की जा रही है, ताकि देश भर के ज्वेलर्स को ज्वेलरी की हॉलमार्किंग कराने में कोई दिक्कत नहीं हो.
इस अवसर पर रामविलास पासवान ने बताया कि अभी तक लोगों को पता नहीं चलता कि वह कितने कैरेट के सोने का जेवर खरीद रहे हैं. सुनार जो भी बताता है, उसी पर भरोसा करना होता है. इसी से छुटकारा दिलाने के लिए अगले जून से देश भर में शत प्रतिशत हॉलमार्किंग वाले जेवर बिकेंगे. लेकिन ऐसा करने से पहले इस दिशा में तैयारी करनी होगी ताकि देश के विभिन्न हिस्से में फैले ज्वेलर्स को हॉलमार्किंग में कोई दिक्कत नहीं हो. उन्होंने कहा कि इन ऑनलाइन मॉड्यूल्स से ज्वेलरों और उन उद्यमियों के लिए व्यापार करना सुगम होगा, जिन्होंने हॉलमार्किंग और एसेयिंग केंद्रों की स्थापना की है या जो इनकी स्थापना करना चाहते हैं. इससे सोने का कारोबार पारदर्शी हो जाएगा.
उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने कहा कि सोने की ज्वेलरी और शिल्प वस्तुओं की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के कारण पंजीकरण करवाने के लिए आगे आने वाले ज्वेलरों की संख्या 5 लाख तक जाने की आशा है. इस समय इनकी संख्या करीब 31,000 के स्तर पर है. पंजीकरण के इतने अधिक प्रस्तावों को कुशलतापूर्वक मैनुअली हैंडल कर पाना संभव नहीं था. ऑनलाइन प्रणाली लागू होने के बाद ज्वेलर्स पंजीकरण हेतु आवेदन तथा आवश्यक शुल्क जमा करने की प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी कर सकेंगे.
मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन प्रणाली का सर्वोत्तम पक्ष यह है कि इसके लिए आए आवेदन को प्रोसेस करने में किसी प्रकार का ह्यूमन इंटरफेस नहीं होगा. कोई ज्वेलर जैसे ही अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करेगा, उसे पंजीकरण प्रदान कर दिया जाएगा. पंजीकरण संख्या की सूचना देते हुए उसे एक मेल और एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा और उस पंजीकरण संख्या का प्रयोग करके वह पंजीकरण प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकेगा.