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लॉकडाउन के एक साल बाद फिर से बढ़ रही कोरोना केसों की संख्‍या

यह माना जा रहा कारण..

नई दिल्ली/दि. २५ – कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के ठीक एक साल बाद देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर सामने आई है, कोरोना संक्रमण की यह लहर भी पहले जितनी ही घातक मानी जा रही है. कोरोना के चलते देश में इस समय लॉकडाउन नहीं है और सड़कों-मार्केटों में भीड़ नजर आने लगी है. मुंबई में जिस तरह से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं उस लिहाज से जल्‍द ही यहां प्रतिदिन करीब 10 हजार केस आ सकते हैं. प्रशासन का मानना है कि कोरोना प्रकोप को देखते हुए भविष्‍य में उन्‍हें बेडों की संख्‍या बढ़ानी पड़ सकती है. चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमण अब छोटे कस्‍बों और जिलों में असर दिखा रहा है. स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का मानना है कि केसों की संख्‍या बढ़ने का यही दौर जारी रहा तो स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं.
पिछले 24 घंटों में देश में 53,476  कोविड-19 केस दर्ज हुए हैं. 23 अक्‍टूबर के बाद एक दिन में यह केसों की सर्वाधिक संख्‍या है. 48 घंटों में ही देश में एक लाख कोरोना के केस आ रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो दिन में आए कोरोना के केसों में 80 फीसदी Asymptomatic (कोरोना के लक्षण नजर नहीं आने वाले) हैं और मृत्‍यु दर काफी कम है.
सरकार का कहना है क‍ि यूके, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के म्‍यूटेंट स्‍ट्रेन और इंडियन स्‍ट्रेन कोरोना के मामलों में हुए इजाफे का कारण नहीं हैं. सरकार के अनुसार, सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसे मास्‍क पहनने, सोशल डिस्‍टेसिंग और साबुन-सेनेटाइजर के इस्‍तेमाल में लापरवाही बरतने के कारण यह संख्‍या बढ़ी है.

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