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सुप्रीम कोर्ट मेें ओबीसी आरक्षण की याचिका खारिज

स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में नहीं मिलेगा अतिरिक्त आरक्षण

नई दिल्ली/दि.29 – स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के चुनाव में अतिरिक्त ओबीसी आरक्षण को रद्द करने के निर्णय को कायम रखते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाविकास आघाडी सरकार की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया गया है. इस फैसले के चलते स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं में ओबीसी संवर्ग को मिलनेवाला राजनीतिक आरक्षण खत्म हो गया है.
बता दें कि, महाराष्ट्र सरकार के जिला परिषद अधिनियम की धारा 12 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया गया था. साथ ही कहा गया था कि, लोक संख्यानुसार कुछ प्रवर्ग आरक्षित करने के बावजूद आरक्षण को 50 फीसदी से अधिक नहीं रखा जा सकता. चूंकि ओबीसी संवर्ग के तहत 27 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता. अत: संवैधानिक आरक्षण के अनुसार ही जिला परिषद के चुनाव लिये जाये, ऐसा आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया था. इस निर्णय को चुनौती देते हुए महाविकास आघाडी सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. किंतु सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए अपने निर्णय को कायम रखा. ज्ञात रहें कि, महाराष्ट्र में ओबीसी संवर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण दिया गया है और कुछ जिलों में आरक्षण के दायरे में आनेवाली जातियों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जाये, तो यह 50 फीसदी से अधिक हो जाता है. जिसे लेकर आपत्ति दर्ज करायी गयी थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये इस फैसले का प्रभाव नागपुर, धुलिया, नंदूरबार, अकोला, वाशिम, भंडारा व गोंदिया जिला परिषद में दिखाई दे सकता है.

 

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