नई दिल्ली/दि.८-मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में लोकायुक्त पुलिस ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कार्यपालन इंजीनियर को एक ठेकेदार से कथित तौर पर घूस के रूप में 50,000 रुपये की नकदी और 11.50 लाख रुपये का चेक लेते वक्त सोमवार को रंगे हाथों पकड़ लिया (Bribe Case). इंजीनियर शुरुआती किश्त के रूप में ठेकेदार से पांच लाख रुपये पहले ही ले चुका था.
लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि एनएचएम के कार्यपालन इंजीनियर राकेश कुमार सिंघल (55) को शहर के पालिका प्लाजा में ठेकेदार की शिकायत पर जाल बिछाकर पकड़ा गया. डीएसपी ने शिकायतकर्ता के अनुरोध पर उसकी पहचान गुप्त रखते हुए बताया, ‘‘सिंघल ने ठेकेदार से बतौर घूस 50,000 रुपये की नकदी ली. इसके साथ ही, उन्होंने ठेकेदार से 11.50 लाख रुपये का अपने नाम पर जारी कराया गया चेक इस गारंटी के तौर पर लिया कि बाकी रिश्वत के रूप में 11.50 लाख रुपये की नकदी मिलते ही उसे यह चेक लौटा दिया जाएगा.’’
उन्होंने बताया, “ठेकेदार ने 1.74 करोड़ रुपये की लागत से इंदौर और उज्जैन संभागों में नलकूप खनन का काम किया था. हालांकि, इसके एवज में उसे महज 1.05 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.’’ डीएसपी ने शिकायत के हवाले से बताया कि इस भुगतान के ‘‘कमीशन’’ के तौर पर सिंघल ने ठेकेदार से कुल 17 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी और वह इसकी शुरुआती किश्त के रूप में ठेकेदार से पांच लाख रुपये पहले ही ले चुका था.
चल-अचल संपत्तियों की भी हो रही जांच
बघेल ने बताया कि रिश्वतखोरी के आरोप में एनएचएम अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (रोकथाम) अधिनियम, 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया है. डीएसपी के मुताबिक आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि बॉन्ड भरवाकर आरोपी को इस बात के लिए कानून पाबंद किया गया है कि घूसखोरी के मामले की जांच के संबंध में उसे जब भी बुलाया जाएगा, वह लोकायुक्त पुलिस के सामने हाजिर हो जाएगा. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार से बड़ी मिल्कियत बनाने के संदेह में एनएचएम अधिकारी की चल-अचल संपत्तियों की भी जांच की जा रही है.