डेल्टा से कहीं अधिक खतरनाक है ओमिक्रॉन
ब्रिटीश वैज्ञानिक की चेतावनी से दुनिया की चिंता बढी
लंदन/दि.21 – इस समय पूरी दुनिया कोविड वायरस के खतरे से जूझ रही है और अब इस वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये वेरियंट ने सभी की चिंताओं को बढा दिया है. इस समय तक इस बात को लेकर कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे है, बल्कि चिंता की बात यह है कि, इस नये वेरियंट में टीकाकरण के जरिये तैयारी होनेवाली एंटी बॉडी को चकमा देने की क्षमता है. जिससे खतरा काफी अधिक बढ जाता है. इस आशय की चेतावनी ब्रिटेन के वैज्ञानिकों द्वारा दी गई है.
लंदन के इम्पिरियल कॉलेज के संशोधकों ने ओमिक्रॉन संक्रमण की समीक्षा करते हुए एक संशोधन किया है. जिसके अनुसार डेल्टा वेरियंट की तुलना में ओमिक्रॉन वेरियंट के दुबारा संक्रमण फैलने का खतरा 5.4 गुना अधिक है. इसके अलावा इससे पहले कोविड मुक्त हो चुके लोगों के भी ओमीक्रॉन संक्रमित होने का खतरा काफी अधिक है. इससे पहले संक्रमण हेतु मिली सुरक्षा ओमीक्रॉन के खिलाफ 19 फीसद कम प्रभावित साबित होती है. साथ ही अब तक इस बात को लेकर कोई सबूत नहीं मिले है कि, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन वेरियंट कम खतरनाक है. ऐसे में इस वेरियंट को लेकर लापरवाह व बेफिक्र नहीं रहा जा सकता. संशोधको के मुताबिक फिलहाल ओमिक्रॉन से संबंधित जानकारी काफी कम है और जल्द ही कुछ और अधिक जानकारियां सामने आयेंगी. ब्रिटेन में 29 नवंबर से 11 दिसंबर के दौरान पाये गये ओमिक्रॉन संक्रमितों से संबंधित जानकारी को लेकर इस संदर्भ में संशोधन किया गया है. किंतु अस्पताल में दाखिल रहनेवाले मरीजों की जानकारी पर आधारित संशोधन व समीक्षा होना अब भी बाकी है. हालांकि संशोधक इस नतीजे तक जरूर पहुंच गये है कि, ओमिक्रॉन वेरियंट कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण को चकमा दे सकते है. साथ ही दो अथवा इससे अधिक सप्ताह से अधिक समय पहले दूसरा टीका या बूस्टर डोज ले चुके लक्षण विरहित लोगों को ओमिक्रॉन वेरियंट का संक्रमण होने का खतरा डेल्टा वायरस की तुलना में काफी अधिक है.
ब्रिटेन में ओमिक्रॉन ने बनाया रिकॉर्ड
ब्रिटेन में लगातार दूसरे दिन सोमवार को ओमिक्रॉन के रिकॉर्ड 12 हजार 133 मरीज पाये गये है. वहीं इससे पहले रविवार को भी 10 हजार से अधिक ओमीक्रॉन संक्रमित पाये गये थे. लगातार बढती मरीज संख्या के चलते ब्रिटेन में ओमिक्रॉन संक्रमितों की कुल संख्या 37 हजार 101 हो गई है. जिसमें से ओमिक्रॉन संक्रमित 12 लोगोें की मौत हो चुकी है. जिसके चलते सरकार द्वारा कडा लॉकडाउन लगाये जाने के संदर्भ में गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है. साथ ही सरकार द्वारा कडे प्रतिबंध लागू करने के अलावा विविध पर्यायों पर भी विचार किया जा रहा है. किंतु ऐन क्रिसमस पर्व के मुहाने पर बेहद कडे प्रतिबंधों को लागू करने से बचा भी जा रहा है.