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पांच में एक युवती का बालविवाह!

देश में एक वर्ष में 2 लाख बालविवाह रोके

* प्रभा निर्मूलन के लिए नया अभियान
नई दिल्ली/दि. 28 – एक तरफ भारत प्रगति के नए सिखर पर पहुंचता रहते दूसरी तरफ हम अभी भी अनेक रुढी-परंपरा की जडे उखाडने में विफल साबित होते दिखाई देते है. यह बात बालविवाह से साबित होती है. देश में अभी भी 5 में से 1 युवती का बालविवाह होता रहने की जानकारी केंद्रीय महिला व बालविकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने मंगलवार को दी. गत वर्ष में में 2 लाख बालविवाह रोके गए, ऐसा भी उन्होंने कहा.

* केंद्र का नया अभियान क्या?
‘बालविवाह मुक्त भारत’ इस अभियान का केंद्र सरकार की तरफ से शुभारंभ किया गया. 2029 तक बालविवाह दर 5 प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य है. राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों को विशेष कृति योजना तैयार करने की चुनौती है.

* अभियान में क्या?
‘बालविवाह मुक्त भारत’ पोर्टल शुरु करना और जागरुकता बढाने के साथ ऐसी घटनाओं पर कदम उठाना व अभियान की समीक्षा करना है. वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ संकल्पना से संबंधित अभियान चलाना है. राष्ट्र निर्मिती में महिला और युवतियों के सहभाग पर पूरा जोर रहेगा.

* ‘बालविवाह मुक्त भारत’ का केंद्रबिंदू क्या?
7 राज्य और करीबन 300 जिलों में राष्ट्रीय औसतन की तुलना में बालविवाह का प्रमाण अधिक है. पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, त्रिपुरा, आसाम और आंध्र प्रदेश ऐसे 7 राज्यों का समावेश इसमें है. अभियान में यह राज्य व जिले केंद्रस्थान पर रहेंगे.

* सामूहिक प्रयासों का आवाहन
देश प्रगतिपथपर रहने के बावजूद बालविवाह रोकने में विफलता मिलती रहने से जनजागरण पर जोर दिया जाएगा. देश पूरी तरह बालविवाह मुक्त होने तक प्रयास शुरु रहनेवाले है. बालविवाह न होने के लिए सभी को सतर्क रहना होगा.

* बालविवाह बडी चुनौती
बालविवाह यह हमारे सामने बडी चुनौती है. मानवी हक उल्लंघन के सबसे गंभीर बातों में से यह एक है. केवल कानून बालविवाह समस्या का निर्मूलन कर नहीं सकते. जनजागृति पर ध्यान केंद्रीत करना आवश्यक है.
– अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय महिला व बालविकास मंत्री.

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