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पीएम आवास योजना में महाराष्ट्र को मिली सिर्फ 40 प्रतिशत रकम

गुजरात को मिली सर्वाधिक 72.4 प्रतिशत राशि

नई दिल्ली/ दि. 30 – प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 2022 तक सबको घर दिलाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन फिलहाल योजना अपने ही लक्ष्य से पीछे चल रही है. योजना के तहत पिछले तीन सालों में स्वीकृत रकम में से 42 प्रतिशत रकम का ही उपयोग हुआ है. योजना के तहत महाराष्ट्र के लाभार्थियों के लिए स्वीकृत 16,090.09 करोड रु.की रकम में से केवल 40 प्रतिशत ही जारी की गई और 38 प्रतिशत का ही उपयोग हुआ.
आवास और शहरी कार्य राज्यमंत्री कौशल किशोर ने बताया कि 2022 तक सबके लिए आवास वाली पीएमएवाई (यू) के तहत पिछले तीन सालों में स्वीकृत 1,18,959.38 करोड रु. में से केवल 61,358 करोड रुपए ही जारी किये गए. जिसमें से भी केवल 50023 करोड रु.का ही इस्तेमाल हुआ. उन्होेंने बताया योजना के तहत महाराष्ट्र के लिए 16090.09 करोड रु.स्वीकृत हुए. इसमें से केवल 6,443.69 रुपए ही जारी किए गए और लगभग 6139 करोड रु.का इस्तेमाल हुआ.
मनोज कोटक और रक्षा खडसे के सवाल के लिखित जवाब में मंत्री व्दारा दी गई जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश के लिए सबसे अधिक रकम मंजूर की गई. इनमें से गुजरात को सबसे अधिक 72.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश को 67.8 और उत्तरप्रदेश को 46.3 प्रतिशत रकम दी गई. आंध्र और महाराष्ट्र को सबसे कम क्रमश: 42.3 तथा 40 प्रतिशत रकम ही जारी हुई.
कौशल्य किशोर ने बताया कि 2022 तक सबके लिए आवास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मंत्रालय व्दारा प्रगति की निगरानी की जाती हेै. अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए 60000 करोड रुपए का राष्ट्रीय शहरी आवास कोष बनाया गया है. स्वीकृत घरों की जियो टैगिंग की जाती है. इसके अलावा लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से भुगतान, नई तकनीक को बढावा देने जैसे कदम उठाए गए हैं.

  • लाभार्थियों को मिलती है ब्याज की सब्सिडी

योजना के तहत घर खरीदने वालों को योजना का लाभ मिलने में हो रही देरी के सवाल पर मंत्री ने बताया कि लाभार्थियों को केंद्रीय नोडल एजेंसी के रुप में राष्ट्रीय आवास बैंक, आवासन और शहरी विकास निगम और भारतीय स्टेट बैंक के जरिए ब्याज की सब्सिडी दी जाती है. जिसका भुगतान ऋणदाता संस्थानों को आवास ऋण के लिए आवेदन करने और सीएनए की मंजूरी से सभी स्तरों पर उचित सावधानी बरतने के बाद किया जाता है.

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