नई दिल्ली/दि. 22 – मंगलवार को एनसपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित 6 जनपथ निवास पर विपक्षी दलों की अहम बैठक हुई. यह बैठक ढाई घंटे तक चली. यशवंत सिन्हा द्वारा शुरू किए गए राष्ट्र मंच के बैनर तले यह बैठक आयोजित की गई थी. शरद पवार और य़शवंत सिन्हा ने इस बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि बैठक के मुद्दे पर विस्तार से जानकारी एनसीपी से माजिद मेमन, सपा से घनश्याम तिवारी और जेडीयू से पवन वर्मा देंगे.
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राष्ट्र मंच के बाद नेताओं ने पत्रकारों को संबोधित किया
इसके बाद माजिद मेमन ने कहा कि यह राष्ट्र मंच की सभा एंटी बीजेपी शक्तियों को इकट्ठा करने के लिए नहीं बुलाई थी. यह सभा शरद पवार के घर पर जरूर आयोजित की गई थी लेकिन उन्होंने यह बैठक नहीं बुलाई थी, यह बैठक यशवंत सिन्हा की पहल पर बुलाई गई थी. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि यह सभा कांग्रेस को अलग करने के लिए भी आयोजित नहीं की गई थी. माजिद मेमन ने कहा, मैंने खुद कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, मनीष तिवारी को निमंत्रण दिया था. यह राजनीतिक बैठक नहीं थी. इसमें गीतकार जावेद अख्तर ने भी अपनी राय रखी.
सपा से घनश्याम तिवारी ने कहा कि देश में एक विकल्प तैयार करने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी. देश के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर एक विजन देने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी. महंगाई, अर्थव्यवस्था, किसानों से जुड़े मुद्दे यानी हर तरह के मुद्दे के लिए यह मंच एक विजन देने का काम करेगा.
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राष्ट्र मंच की बैठक में कौन-कौन थे शामिल?
कोविड काल के बाद यह पहली ऐसी बैठक थी जिसमें कई पार्टियों के नेता एक साथ, एक जगह इकट्ठे हुए. इस बैठक में टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा, कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा, एनसीपी से माजिद मेमन और वंदना चव्हाण, समाजवादी पार्टी की ओर से घनश्याम तिवारी, आप की ओर से सुशील गुप्ता पवार, राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम, सीपीएम से नीलोत्पल बसु जैसे प्रमुख लोग शामिल हुए. उमर अब्दुल्ला मीटिंग खत्म होने से पहले ही उठकर चले गए.
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बैठक में प्रमुख विपक्षी पार्टियां गायब
शरद पवार के घर मंगलवार शाम हुई इस बैठक में देश भर से 15 विपक्षी पार्टियों को शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था. कल एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा था कि यह बैठक शरद पवार द्वारा देश भर की विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने के मकसद से आयोजित की गई है. लेकिन बैठक में मायावती की बसपा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगूदेशम, केसीआर की तेलंगाना राष्ट्रसमिति जैसी प्रमुख विपक्षी पार्टियां शामिल नहीं हुईं. और राष्ट्रमंच की बैठक के बाद इसमें शामिल नेताओं ने भी कहा कि इस बैठक को ना तो एंटी मोदी समझा जाए और ना ही कांग्रेस को अलग-थलग करने की कोशिश समझा जाए.