नई दिल्ली/दि.21 – भारतीय वैद्यक संशोधन परिषद यानी आयसीएमआर द्वारा कोविड संक्रमण की विगत दो लहरों के दौरान किये गये संशोधनों को ध्यान में रखते हुए अब कोविड संक्रमितों को दी जानेवाली दवाईयों को लेकर एक नई गाईडलाईन जारी की गई है. जिसमें कुछ दवाईयों को आयसीएमआर की सुची से बाहर कर दिया गया है, यानी अब इन दवाईयों का प्रयोग कोविड संक्रमितों के इलाज में नहीं किया जा सकेगा. इसके साथ ही साफ तौर पर कहा गया है कि, कोविड संक्रमितों को स्टेरायड न दिया जाये. जिसके चलते अब रेमडेसिविर के इंजेक्शन का भी प्रयोग बेहद कम होगा.
दस दिन बीमार रहने पर ही…
– कोविड संक्रमित मरीज में गंभीर लक्षण पाये जाने पर ही आपातकालीन प्रयोग हेतु रेमडेसिविर को मंजुरी दी गई है.
– जिनमें लगातार दस दिनों से कोविड संक्रमण के लक्षण बने हुए है, उन्हें रेमडेसिविर का इंजेक्शन लगाया जायेगा.
– जिन संक्रमितों को कृत्रिम ऑक्सिजन की जरूरत पड रही है, उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन देने की अनुमति नहीं रहेगी.
– होम आयसोलेशन में रहनेवाले संक्रमितों को रेमडेसिविर देने की जरूरत नहीं रहेगी.
संक्रमितों को स्टेरायड नहीं देने की सलाह
– आयसीएमआर ने संक्रमितों को स्टेरॉयड नहीं देने की सलाह दी है.
– आयसीएमआर के मुताबिक जरूरत से अधिक अथवा ज्यादा प्रमाण में स्टेरायड दिये जाने पर ब्लैक फंगस जैसी बीमारी होने की संभावना रहती है.
अलग-अलग औषध मात्र दी जायेगी
– नई गाईडलाईन के मुताबिक प्राथमिक, मध्यम व गंभीर लक्षण रहनेवाले संक्रमितों को अलग-अलग दवाईयों की मात्राएं देने की सलाह दी गई है.
– मेथपरेडनिसोलोन नामक दवाई की 0.5 से 1 मिलीग्राम की दो अलग-अलग मात्राएं दी जा सकती है. साथ ही प्राथमिक लक्षण रहनेवाले संक्रमितों को डेक्सामिथासोन नामक दवाई पांच से दस दिनों तक दी जा सकती है.
– कोविड संक्रमण के गंभीर लक्षण रहनेवाले मरीजों को डेक्सामिथासोन की 1 से 2 मिलीग्राम की मात्रा दी जा सकती है. साथ ही आयसीएमआर ने यह भी कहा कि, गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों की ही सिटी स्कैन व थोडी महंगी रहनेवाली रक्तजांच करायी जाये.
पांच वर्ष से छोटे बच्चों को मास्क की जरूरत नहीं
इसी तरह केंद्र सरकार द्वारा भी कहा गया है कि, 18 वर्ष से कम आयुवाले कोविड संक्रमितों के इलाज में विषाणुरोधक दवाईयों या मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का प्रयोग न किया जाये. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि, पांच वर्ष अथवा इससे कम आयुवाले छोटे बच्चों को मुंह पर मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं है. वहीं 6 से 11 वर्ष आयुगुटवाले बच्चों द्वारा मास्क लगाया जा सकता है. साथ ही 12 वर्ष से अधिक आयुवाले हर एक व्यक्ति द्वारा मास्क लगाया जाना बेहद आवश्यक है.