संवैधानिक रूप से सही है हमारी सरकार
दुबारा चुनाव करानेवाली बात पर शिंदे का उध्दव पर पलटवार
* दुबारा चुनाव लडने या मध्यावधि की संभावना की खारीज
* उध्दव ठाकरे ने बागियों को दुबारा चुनाव लडने की दी थी चुनौती
* सीएम शिंदे ने अगले चुनाव में भी बहुमत के साथ जीत हासिल करने का किया दावा
नई दिल्ली/दि.9– महाराष्ट्र की सत्ता हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उपमुख्यमंत्री देवेेंद्र फडणवीस पहली बार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुुंचे. जहां पर उन्होंने राष्ट्रपती रामनाथ कोविद, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता के साथ भेंट की. जिसके बाद एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र में शिवसेना व भाजपा का नैसर्गिक गठबंधन है और दोनों दलों ने साथ मिलकर चुनाव लडते हुए बहुमत हासिल किया था. आज उसी बहुमत के दम पर महाराष्ट्र में हमने युती की सरकार स्थापित की है और सरकार गठित करने के लिए पूरी संवैधानिक प्रक्रिया का पालन भी किया गया है. ऐसे में मध्यावधि चुनाव कराने का सवाल ही नहीं उठता. यह सरकार अपना कार्यकाल पूर्ण करेगी और इसके बाद ही राज्य में अगला चुनाव होगा. उस चुनाव में भी हमारा गठबंधन ही स्पष्ट बहुमत हासिल करेगा.
बता दें कि, एकनाथ शिंदे द्वारा की गई बगावत के चलते महाविकास आघाडी की सरकार अल्पमत में आ गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा देना पडा था. जिसके बाद उध्दव ठाकरे ने सेना भवन में बुलाई गई पत्रकार परिषद में बागी विधायकों को चुनौती देते हुए कहा कि, यदि उनमें दम हैं, तो वे अपने पद से इस्तीफा देकर दुबारा अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडकर और जीतकर दिखाये. इस बारे में पूछे जाने पर सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि, अव्वल तो इस समय हमारे किसी भी विधायक को अपने पद से इस्तीफा देने की जरूरत ही नहीं है. क्योंकि वे इस समय 164 विधायकों के समर्थनवाली मजबूत सरकार का हिस्सा है. ऐसे में हमारे सभी विधायकों को चाहिए कि, विपक्ष की बातों पर ध्यान दिये बिना राज्य की जनता के विकास और भले के लिए काम किया जाये. वहीं जब चुनाव होने होंगे, तब चुनाव करवाये जायेंगे तथा इस चुनाव में भी हम स्पष्ट बहुमत के साथ जीत हासिल करेंगे.
* ओबीसी आरक्षण के लिए मेहता से मुलाकात
दिल्ली दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता के साथ की गई मुलाकात इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है. इसे लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में सीएम शिंदे ने बताया कि, उन्होंने ओबीसी आरक्षण से संबंधित विषयों के बारे में चर्चा करने हेतु सॉलीसीटर जनरल मेहता से मुलाकात की है, ताकि इस मामले को जल्द से जल्द हल कराया जा सके और महाराष्ट्र में ओबीसी समाज को स्थानीय स्वायत्त निकायों में राजनीतिक आरक्षण एक बार फिर प्राप्त हो.
* कोई सांसद संपर्क में नहीं
शिवसेना के 40 विधायकों सहित कई निर्दलीय विधायकों को अपनी ओर करते हुए भाजपा के सहयोग से राज्य की सत्ता प्राप्त करनेवाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से जब यह पूछा गया कि, अब वे शिवसेना के 18 में से कितने सांसदों को अपने पाले में करनेवाले है, तो उन्होंने कहा कि, उनके द्वारा ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा और बगावत के लिए उकसाने हेतु सेना सांसदों से संपर्क भी नहीं किया जा रहा. अलबत्ता महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री और शिवसेना से जुडा नेता रहने की वजह से शिवसेना के सभी सांसद उनके संपर्क में जरूर है.