नई दिल्ली/दि.४ – ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में कांटे की टक्कर चल रही है. अब तक के रुझानों में बड़ा उलटफेर हुआ है. शुरूआत में पिछडऩे के बाद टीआरएस ने बढ़त बना ली है. केसीआर की पार्टी पहले स्थान पर चल रही है. वहीं, दूसरे नंबर के लिए बीजेपी और एमआईएम के बीच कड़ी लड़ाई देखने को मिल रही है.
यहां बता दें कि इससे पहले शुरुआती रुझानों में भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया था, लेकिन धीरे-धीरे टीआरएस हावी हो गई. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी और भाजपा में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है. यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, मेडचल-मलकजगिरी, रंगारेड्डी और संगारेड्डी शामिल हैं. पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं तो तेलंगाना की 5 लोकससभा सीटें आती हैं. यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक की साख दांव पर लगी हुई है.
इस बार 46.55 फीसदी मतदान हुआ. 2009 के हैदराबाद नगर निगम चुनाव में 42.04 फीसदी तो 2016 में हुई नगर निगम चुनाव में 45.29 फीसदी लोगों ने ही वोट डाले थे. हालांकि पिछले 2 चुनाव से ज्यादा इस बार वोटिंग दर्ज की गई. 2016 में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव की बात करें तो टीआरएस ने 150 वार्डों में से 99 वार्ड में जीत हासिल की थी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम को 44 वार्ड में जीत मिली थी. जबकि बीजेपी महज तीन नगर निगम वार्ड में जीत दर्ज कर सकी थी और कांग्रेस को महज दो वार्डों में ही जीत मिली थी.