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यूपी सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश पर ओवैसी का तंज

यह कानून बाबा साहेब को भी दोषी बना देता!

नई दिल्ली/दि.३१ – एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी सरकार द्वारा लाए गए गैरकानूनी धर्मांतरण अध्यादेश को लेकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ये अध्यादेश संविधान के खिलाफ है. यह अध्यादेश हमारी स्वतंत्रता को छीनकर कहता है ऐसे कैसे? ओवैसी ने धर्मांतरण अध्यादेश को लेकर बाबा साहेब आंबेडकर का भी जिक्र किया और कहा कि ये अध्यादेश उन्हें भी धर्मांतरण कानून के तहत दोषी सिद्ध कर देता.
ओवैसी ने एक खबर को रिट्वीट करते हुए लिखा कि कोई भी पूजा करना चुन सकता है. एक भगवान, हजार भगवान या कोई भगवान नहीं. कोई उनके जन्म के विश्वास को अस्वीकार भी कर सकता है और किसी नए को अपना सकता है. यह हमारे विचारों की स्वतंत्रता है, हमारे फेथ की स्वतंत्रता है जो हमें संविधान देता है. लेकिन यह अध्यादेश इस स्वतंत्रता को छीन लेता है और कहता है ऐसे कैसे?
ओवैसी ने आगे कहा कि इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, याद रखें कि धर्मांतरण का मतलब यह नहीं है कि कोई भारतीय नागरिक नहीं रह गया या कि वो कम भारतीय हो गया. यह कानून धर्म की स्वतंत्रता व भारत की पहचान के लिए विरोधाभासी है. AIMIM चीफ ने आंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि ये अध्यादेश दो या दो से अधिक लोगों के धर्म परिवर्तित करने को सामूहिक धर्मांतरण के रूप में परिभाषित करता है. जिसका अर्थ है कि अगर पति-पत्नी एक साथ धर्मांतरण करते हैं तो यह एक अपराध है. ओवैसी ने आगे आंबेडकर की फ़ोटो शेयर करते हुए कहा कि यह दीक्षाभूमि पर बाबा साहेब की एक तस्वीर है, जहां बड़े पैमाने पर हिंदू से बौद्ध धर्म अपनाया गया. ये अध्यादेश इसे भी अपराध बताता है.

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