देश दुनिया

पाकिस्तान कर्ज से न खरीदे हथियार

भारत की आईएमएफ को दो टूक

कराची – भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मिलने वाले कर्ज पर कड़ा रुख अपनाया है. भारत ने आईएमएफ से कहा है कि वह पाकिस्तान को दिए जाने वाले किसी भी कर्ज की कड़ी निगरानी करे. भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि आईएमएफ से मिलने वाले धन का उपयोग सैन्य खर्चों अथवा किसी दूसरे देशों से लिए गए कर्ज के भुगतान में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
पिछले जुलाई माह 2023 में पाकिस्तान को दिए गए 3 अरब डॉलर के अल्पकालिन स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (एसबीए) की हाल ही में समीक्षा के दौरान आईएमएफ के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के सामने भारत का रुख रखा था. भारत आमतौर पर पाकिस्तान द्वारा मांगे गए कर्ज पर मतदान से दूर रहता है और पिछले जुलाई में जब एसबीए को मंजूरी दी गई थी तब भी उसने ऐसा ही किया था.
जनवरी के मध्य में, जब आईएमएफ बोर्ड ने पाकिस्तान को दिए गए कर्ज की समीक्षा की, तो भारत के प्रतिनिधि ने फिर से मतदान में भाग नहीं लिया. इसके बाद आईएमएफ ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर की किश्त जारी की. हालांकि, इस बार, भारत सरकार ने सुब्रमण्यम से अनुरोध किया कि वे आईएमएफ बोर्ड को पाकिस्तान द्वारा आईएमएफ धन के उपयोग पर नियंत्रण और संतुलन स्थापित करने और कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बताएं. भारत ने कहा था, इस तरह की निगरानी यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि विकास अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए प्राप्त धन को रक्षा खर्च और तीसरे देशों को दिए गए विदेशी कर्ज के पुनर्भुगतान में न लगाया जाए.
भारत की प्रतिक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की नवगठित सरकार और अधिक कर्ज पाने के लिए आईएमएफ के साथ आपात बातचीत कर रही है. आईएमएफ के समर्थन ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बाहरी भुगतान संकट से बचाने में सहायता की थी, जिसका सामना उसे पिछले जून में करना पड़ा था. उस वक्त पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर केवल 3.5 बिलियन डॉलर रह गया था, जो मुश्किल से एक महीने के आयात बिल का भुगतान करने के लिए पर्याप्त था.

 

Related Articles

Back to top button