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माता-पिता पर धर्मांतरण की जबरन कोशिश का आरोप

बेटी बोली - मैं हिंदू धर्म में जन्मी हूं और...

इंदौर/दि.२७ – जबरन धर्मांतरण के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार के नये अध्यादेश के तहत पुलिस ने यहां 25 वर्षीय युवती की शिकायत पर मामला दर्ज करते हुए उसके माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ईसाई समुदाय के एक केंद्र में कई लोगों का धर्म जबरन बदलने की कोशिश का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था. भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार दूधी के मुताबिक शालिनी कौशल (25) ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी मां रानी कौशल और पिता राकेश कौशल मंगलवार सुबह नानी के घर ले जाने का कथित झांसा देकर उन्हें ईसाई समुदाय के सत्प्रकाशन संचार केंद्र में चल रही प्रार्थना सभा में ले गए. यह केंद्र भंवरकुआं पुलिस थाने के ठीक पीछे स्थित है.
इंदौर के पास स्थित गुजरखेड़ा गांव से ताल्लुक रखने वाली युवती के हवाले से प्राथमिकी में कहा गया, वहां (सत्प्रकाशन संचार केंद्र) कुछ लड़कियां थीं जो मेरे हाथ-पैर खींचकर मेरे साथ मारपीट कर रही थीं. मुझे वहां एक हॉल में जबरन बैठाकर रखा गया था. बहुत सारे लोग मंच पर प्रभु यीशु के गाने बजा रहे थे. वे मुझे इन गानों पर नाचने के लिए बोल रहे थे.
युवती के हवाले से प्राथमिकी में यह भी लिखा गया, मैं हिंदू धर्म में जन्मी हूं और इसी धर्म का पालन करती हूं. प्रभु यीशु में मेरी कोई आस्था नहीं है, न ही मैं ईसाई धर्म अपनाना चाहती हूं. लेकिन मेरी मम्मी और वहां (प्रार्थना सभा) ईसाई धर्म के आयोजकों द्वारा मेरा जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा था. थाना प्रभारी के मुताबिक युवती की शिकायत पर उसके माता-पिता और गणतंत्र दिवस पर आयोजित विवादास्पद प्रार्थना सभा में मौजूद नौ अन्य लोगों के खिलाफ मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020 के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया, शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शेष दो आरोपियों की तलाश जारी है.
उधर, सत्प्रकाशन संचार केंद्र के निदेशक फादर बाबू जोसफ के मुताबिक ईसाई समुदाय के एक समूह को मंगलवार को बैठक और प्रार्थना सभा के लिए इस केंद्र का हॉल दिया गया था. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व धर्मांतरण संबंधी गतिविधि चलने का आरोप लगाते हुए इस हॉल में बलपूर्वक घुस गए. उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने सत्प्रकाशन संचार केंद्र के हॉल में लगे माइक सैट को गिरा दिया, दीवार पर लगी एक तस्वीर को नीचे पटक दिया और जमकर हंगामा शुरू कर दिया.
जोसफ ने हालांकि दावा किया, इस घटनाक्रम के दौरान मैं केंद्र में नहीं था और वहां मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. केंद्र के संचालक ने कहा कि घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर माहौल शांत किया. उन्होंने बताया कि घटनाक्रम को लेकर उनके केंद्र की ओर से फिलहाल पुलिस को कोई शिकायत नहीं दी गई है.
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें घटनाक्रम के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता सत्प्रकाशन संचार केंद्र के परिसर में धार्मिक नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं. बजरंग दल की स्थानीय इकाई के प्रमुख तन्नू शर्मा ने आरोप लगाया कि ईसाई समुदाय के इस केंद्र में इंदौर के साथ ही खंडवा, झाबुआ, बुरहानपुर और राज्य के अन्य जिलों के करीब 300 लोगों को धर्मान्तरण के लिए बुलाया गया था.भंवरकुआं पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार दूधी ने हालांकि कहा, इस केंद्र में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल ज्यादातर लोगों ने हमसे कहा कि वे अपनी इच्छा से वहां गए थे और उन्हें इस कार्यक्रम को लेकर कोई शिकायत नहीं है. केवल शालिनी कौशल ने कहा कि उन्हें उनके माता-पिता जबरन धर्मांतरण के लिए इस कार्यक्रम में ले गए थे. दूधी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता युवती के माता-पिता का ईसाई धर्म के प्रति झुकाव है. थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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