नई दिल्ली/दि.२२ -उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल ने रेलयात्रियों के लिए ऐप आधारित ‘बैग्स ऑन व्हील्स सेवा’ (Bags on Wheels Service) के लिए ठेका जारी किया है. ये सेवा यात्री के घर से उसके कोच तक सामान लाने/पहुंचाने वाली एक सुगम सेवा होगी.
उत्तर व उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, राजीव चौधरी ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि रेलवे नित नए उपायों से राजस्व को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है. इसी दिशा में कार्य करते हुए दिल्ली मंडल ने हाल ही में गैर-किराया-राजस्व अर्जन योजना (एनआईएनएफआरआईएस) के अंतर्गत ऐप आधारित बैग्स ऑन व्हील्स सेवा के लिए ठेका प्रदान करके मील का पत्थर स्थापित किया है. भारत रेल पर रेलयात्रियों के लिए यह अपनी तरह की पहली सेवा होगी.
बीओडब्ल्यू ऐप (एंड्रॉयड और आई फोन उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध होगा) पर रेलयात्री अपने सामान को अपने घर से रेलवे स्टेशन तक लाने और रेलवे स्टेशन से घर तक पहुंचाने के लिए निर्धारित डिटेल भरेंगे. यात्री का सामान सुरक्षित तरीके से लेकर रेलयात्री के बुकिंग विवरण के अनुसार उसके कोच/घर तक पहुंचाने का कार्य ठेकेदार से किया जायेगा.
रेलवे के अनुसार नाम मात्र के शुल्क पर रेलयात्रियों को सामान की डोर-टू-डोर सेवा फर्म के उपलब्ध करायी जायेगी. फ़र्म में यात्री के घर से उसका सामान पिक कर के रेलगाड़ी में उसके कोच तक और उसके कोच से उसके घर तक सुगमता से पहुंचाया जायेगा. यह सेवा रेलयात्रियों विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों और अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रियों के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगी. इस सेवा की खास खूबी यह है कि सामान की सुपुर्दगी रेलगाड़ी के चलने से पहले सुनिश्चित की जायेगी. यात्री कोच तक सामान लाने/ले जाने की परेशानी से मुक्त हो जाने से एक अलग ही प्रकार की यात्रा का अनुभव करेंगें.
शुरूआत में यह सेवा नई दिल्ली, दिल्ली जं, हजऱत निजामुद्दीन, दिल्ली छावनी, दिल्ली सराय रौहिल्ला, ग़ाजिय़ाबाद और गुडगांव रेलवे स्टेशनों से चढऩे वाले रेलयात्रियों के लिए उपलब्ध होगी. इस सेवा से न केवल यात्री लाभान्वित होंगे बल्कि रेलवे को भी सालाना 50 लाख रुपये के गैर किराया राजस्व की प्राप्ति के साथ ही साथ में एक वर्ष की अवधि के लिए 10त्न की हिस्सेदारी भी प्राप्त होगी. भारतीय रेलवे के यात्रियों ने अब तक पैलेस ऑन व्हील्स सेवा का आनंद उठाया है, अब वे बैग्स ऑन व्हील्स सेवा का भी आनन्द ले सकेंगे.