बीई, बीटेक में प्रवेश के लिए अब 12 वीं में फिजिक्स, मैथ्स नहीं जरुरी
एआईसीटीई ने बदले नियम- शिक्षा सत्र 2021-22 से लागू होंंगे
नई दिल्ली/13 मार्च – कॉलेज में इंजीनियरिंग और तकनीकी पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए अब 12 वीं में फिजिक्स, मैथ्स लेना जरुरी नहीं होगा. फिजिक्स, कैमिस्ट्री, मैथ्स के अलावा भी कई विषय सूची में शामिल किये गये हं. इनमें से कोई भी तीन विषय लेकर स्टूडेंट ने अगर 12 वीं पास की है तो उसे बीई, बीटेक में एडमिशन मिल जायेगा. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को इंजीनियरिंग और तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये नये नियम जारी किये हैं. बदले नियम शिक्षा सत्र 2021-22 से लागू होंगे. एआईसीटीई के मुताबिक इस बदलाव से बीई (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग), बीटेक (बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी) जैसे पाठ्यक्रमों के दरवाजे मेडिसिन, कॉमर्स और व्यवसायिक शिक्षा वाले स्टूडेंट्स के लिये भी खुलेंगे. जिन विद्यार्थियों ने तीन साल का डिप्लोमा कोर्स पास किया है, वे भी बीई, बीटेक डिग्री कोर्स के लिये आवेदन कर सकेंगे.
इस बदलाव के तहत जिन स्टूडेंट्स का मैथ्स,फिजिक्स, इंजीनियरिंग का बैकग्राउंड नहीं रहा है, उनके लिये उपयुक्त ब्रिज कोर्स की भी पेशकश की जाएगी. इसका इंतजाम संबध्द विश्वविद्यालय करेंगे ताकि स्टूडेंट्स और उनके संस्थानों को अपेक्षित शिक्षण परिणाम हासिल हो सकें.फिजिक्स,मैथमेटिक्स,केमिस्ट्री,कम्प्युटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, बायोलॉजी, इन्फॉरमैटिक्स प्रैक्टिसेस, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, इंटरप्रेन्योर शिप इनमें से कोई भी तीन विषय पढ़ने पर चार साल का बीई, बीटेक कर सकेंगे.
बदले नियमों में यह भी
निर्धारित विषयों में सामान्य श्रेणी के स्टूडेंट्स के लिये 12 वीं में 45 प्रतिशत नंबर लाना जरुरी है. जबकि आरक्षित वर्ग के स्टूडेंट्स के लिये 40 फीसदी नंबर अनिवार्य है.तभी बीई, बीटेक में प्रवेश मिल सकेगा.
- कोई संस्थान नये पाठ्यक्रम तब ही शुरु कर सकेगा, जब 2019-20 में उसके यहां 50 फीसदी या उससे अधिक स्टूडेंट्स दाखिला ले चुके हो. इंजीनियरिंग कॉलेज, यूनिवर्सिटीज, इंस्टीट्यूट्स परंपरागत या अप्रासंगिक पाठ्यक्रमों की शाखाएं नहीं खोल सकेंगे.
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार स्टूडेंट्स को पहले, दूसरे साल से ही किसी शाखा (स्ट्रीम) या पाठ्यक्रम को छोड़कर दूसरे में प्रवेश लेने की सुविधा होगी. उसने पिछले एक-दो सालों में जो पढ़ा, उसका रिकल सर्टिफिकेट उपलब्ध कराया जाएगा.