पीएम मोदी ने गिनाए नए कृषि कानून के फायदे
एमपी के हजारों किसानों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से किया संबोधित
नई दिल्ली/दि.१८ – कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन और विपक्ष के हमले के बीच आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर बात की. मध्य प्रदेश के हजारों किसानों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा, साथ ही नए कानूनों के लाभ गिना दिए. पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष कृषि कानून को लेकर किसानों को गुमराह कर रहा है, पिछले 6 महीने से कानून लागू हैं लेकिन कोई शिकायत नहीं आई है.
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि सुधार के बाद एक सबसे बड़ा झूठ एमएसपी पर बोला जा रहा है. अगर हमें एमएसपी हटानी होती तो स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू ही क्यों करते. हर बार हमारी सरकार एमएसपी की घोषणा करती है, ताकि किसानों को परेशानी ना हो. पीएम बोले कि हर किसान को ये भरोसा देता हूं कि पहले जैसे रूस्क्क दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी.
पीएम मोदी बोले कि पिछली सरकार के वक्त गेहूं पर एमएसपी 1400 थी, हमारी सरकार 1975 रुपये दे रही है. धान में पिछली सरकार 1310 रुपये दे रही है, हमारी सरकार 1870 दे रही है. पिछली सरकार ज्वार पर 1520 रुपये दे रही थी, हमारी सरकार 2640 रुपये दे रही है. पिछली सरकार मसूर दाल पर 1950 रुपये दे रही थी, हमारी सरकार 5100 रुपये दे रही है.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि एमएसपी को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है, हमने एमएसपी को खत्म नहीं किया है सिर्फ किसानों को नया विकल्प दिया है. पिछले 70 साल से सरकार किसानों को कहती आई है कि आप इसी मंडी में फसल बेच सकते हो, लेकिन हमने नए कानून में इसे बदला है. अब किसान वहां फसल बेच सकता है, जहां उसे फायदा दिखे. पीएम मोदी ने कहा कि कई जगहों पर किसानों ने नए नियम के तहत अपनी फसल बेचना शुरू कर दिया है.
पीएम मोदी ने बताया कि देश के कई राज्यों में पहले से ही कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एग्रीमेंट चल रहे हैं, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पंजाब की कांग्रेस सरकार ने हाल ही में ऐसा ही एक कॉन्ट्रैक्ट किया था. हमने अब इसमें बदलाव किया है कि किसान से कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कंपनी को अपना वादा पूरा करना होगा.
संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि अगर कॉन्ट्रैक्ट करने वाले कंपनी का मुनाफा बढ़ेगा, तब भी किसान को फायदा होगा. साथ ही अगर कोई गड़बड़ होती है, तो तुरंत स्ष्ठरू से शिकायत कर किसान अपनी समस्या का हल निकलवा सकता है, कई किसान ऐसा कर भी चुके हैं.
अबकी बार विपक्ष पर करारा वार…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर इस बार विपक्ष रहा, उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में किसानों की सिर्फ एक बार ही कर्जमाफी की गई, वो भी 50 हजार करोड़. जबकि उनकी सरकार हर साल इससे अधिक पैसे किसानों के खाते में भेज रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जिन कृषि सुधारों का राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं, उन्हीं को उन्होंने अपने घोषणापत्र में शामिल किया था. पीएम मोदी ने इशारों में शरद पवार पर तंज कसा और कहा कि जो लोग कृषि क्षेत्र से जुड़े रहे, उन्होंने इन सुधारों के लिए चि_ियां भी लिखीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के अंत में किसानों को बातचीत का भरोसा दिया. पीएम मोदी ने कहा कि देश के अधिकतर किसान इन कानूनों के साथ हैं, लेकिन अब भी किसी को आशंका है, तो हम सिर झुकाकर-हाथ जोड़कर हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार हैं. देश का किसान, किसानों का हित हमारे लिए सर्वोच्च है. पीएम मोदी ने कहा कि 25 दिसंबर को एक बार फिर मैं देश के किसानों से बात करूंगा.