नई दिल्ली/दि. 29 – दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र कैडर की बर्खास्त आयएएस अधिकारी पूजा खेडकर को फिर गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए अग्रिम जमानत की याचिका के संदर्भ में अपना आदेश सुरक्षित रखा है.
न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस और यूपीएससी ने खेडकर की याचिका का विरोध किया और मामले की आगे जांच के लिए खेडकर की हिरासत की आवश्यकता पर जोर दिया. पुलिस के वकील ने कहा कि, सिविल सेवा परीक्षा प्रणाली की अखंडता को प्रभावित करनेवाली यह गहरी साजिश है. इसमें अन्य लोगों की संभावित संलिप्तता को उजागर करने के लिए खेडकर को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ करना आवश्यक है. खेडकर ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए दावा किया है कि, उनके खिलाफ मामला एक अधिकारी के खिलाफ पहले दर्ज की गई यौन उत्पीडन की शिकायत से उपजा है. उनके वकील ने तर्क दिया कि, चूंकी सभी साक्ष सामग्री दस्तावेजी है. इसलिए हिरासत में पूछताछ की कोई जरुरत नहीं है. वह जांच में पूरी तरह से सहयोग करने तैयार है.