प्रधानमंंत्री मोदी ने लॉन्च किया ई-रुपी, कहा ट्रांसपेरेंट और लीक पू्रफ डिलीवरी में मदद मिलेगी
अब बिना रुकावट मिलेगा योजनाओं का फायदा
नई दिल्ली/दि.३ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-वाउचर-बेस्ड डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन ई-रुपी लॉन्च किया. इसका उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को बढावा देना है. इसके जरिए कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट होगा. सरकार के अनुसार इसके जरिए योजनाओं का लाभ आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने में मदद मिलेगी. ई-रुपी एक प्रीपेड ई-वाउचर है, जिसे नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने विकसित किया है.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, देश डिजिटल गवर्नेंस को नया आयाम दे रहा है. सरकार के इस कदम से ट्रांसपेरेंट और लीक प्रूफ डिलीवरी में मदद मिलेगी. किसी के इलाज या पढाई में मदद करना है तो वो कैश की जगह ई-रुपी से कर सकता है. इससे यह पता चल सकेगा कि, पैसा सही जगह लगा है. किताबों के लिए पैसा भेजा है तो उससे किताबें खरीदी गई हैैं या नहीं, ये ई-रुपी से पता चल जाएगा. समय के साथ इसमें और भी चीजें जोडी जाएंगी. ई-रुपी एक तरह से पर्सन के साथ-साथ पर्पज पैसिफिक भी है.
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पीएम स्वनिधि योजना से 23 लाख से अधिक लोगों को मिली मदद
हमारी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की. आज देश के छोटे-बडे शहरों में 23 लाख से अधिक रेहडी-पटरी और ठेले वालों को इस योजना के तहत मदद दी गई है. इसी कोरोना काल में करीब-करीब 2300 करोड रुपए उन्हें दिए गए हैं.
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टेक्नोलॉजी को टूल के रुप में देख रहे हैैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि, पहले हमारे देश मेें कुछ लोग कहते थे कि, टेक्नोलॉजी तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम? जब हमारी सरकार टेक्नॉलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खडा करते थे.
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होंगे ये फायदे
– ये एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस तरीका है.
– ये सेवा देने और लेने वालों को सीधे तौर पर जोडता है.
– इससे सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों को मिलेगा. इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी.
– यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-बेस्ड ई-वाउचर है, जिसे सीधे लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजा जाता है.
– इस वन टाइम पेमेंट सर्विस में यूजर्स बिना कार्ड, डिजिजल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के बावजूद वाउचर को रिडीम कर सकेंगे.
– ई-रुपी के जरिए सरकारी योजनाओं से जुडे विभाग या संस्थान बिना फिजिकल कॉन्टैक्ट के सीधे तौर पर लाभार्थियों और सर्विस प्रोवाइडर से जुडे रहेंगे.
– इसमें यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि, लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाए.
– प्रीपेड होने की वजह से यह किसी भी मध्यस्थ को शामिल किए बिना सर्विस प्रोवाइडर को समय पर भुगतान करता है.
– इन डिजिटल वाउचर का उपयोग प्राइवेट सेक्टर में अपने इम्प्लॉई वेलफेयर और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रमों के लिए भी किया जा सकता है.