प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने दिया इस्तीफा
सिन्हा को दिल्ली या पुडुचेरी का एलजी बनाया जा सकता है
नई दिल्ली/ दि. १७ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार नियुक्त किए जाने के डेढ़ साल बाद सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा ने पीएमओ से इस्तीफा दे दिया है.
इस्तीफे के पीछे पीके सिन्हा ने निजी कारणों का हवाला दिया है. सिन्हा 1977 बैच के उत्तर प्रदेश के आईएसएस अधिकारी हैं. नृपेंद्र मिश्रा के इस्तीफे के बाद 2019 से वे यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे. बताया जा रहा है कि सोमवार को ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
सूत्रों ने कहा कि सिन्हा को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संवैधानिक पद देने पर विचार किया जा रहा है. ऐसी संभावना है कि सिन्हा को दिल्ली या पुडुचेरी का एलजी बनाया जा सकता है. सिन्हा को कैबिनेट रैंक नहीं दिया गया था। लेकिन पीके मिश्रा और अजित डोभाल को कैबिनेट का दर्जा दिया गया था.
पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को 2019 में प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किया गया था. उन्होंने करियर की शुरुआत इलाहाबाद में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में की थी। पूर्व में 2015 में केंद्र सरकार ने कैबिनेट सचिव के रूप में उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया था.
कैबिनेट सचिव का कार्यकाल अमूमन दो साल का होता है. यूपी काडर के आईएएस सिन्हा इससे पहले पावर सचिव थे. 1977 बैच के सचिवों में वह सबसे सीनियर थे और इसलिए उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए उन्हें कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था.