प्राइवेट पैसेंजर ट्रेन के बाद अब चलेगी प्राइवेट मालगाड़ी
नई दिल्ली/दि.६ – निजी यात्री ट्रेनों के बाद अब सरकार निजी मालगाड़ी ट्रेनों को चलाने की योजना बना रही है. दरअसल सरकार माल गाड़ी ट्रेनों की गतिविधियां तेज करना चाहती है ताकि रेलवे की ज्यादा से ज्यादा कमाई हो सके. रेलवे का लक्ष्य अगले पांच सालों में 200 करोड़ टन माल लोड करने का है. इसलिए सरकार इसमें निजी कंपनियों को शामिल करना चाहती है.
इसलिए, रेलवे मंत्रालय अब निजी माल गाड़ी ट्रेनें चलाने की नई नीति पर विचार कर रहा है. इन ट्रेनों को 2800 किलोमीटर के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ष्ठस्नष्ट) पर चलाया जाएगा. ज़ी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव खबर के मुताबिक प्राइवेट फ्रेट ट्रेनों के लिए तैयार की जा रही नई पॉलिसी में प्राइवेट प्लेयर या निजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए खास कदम उठाए जा सकते हैं.
नई पॉलिसी में स्टील, आयरन ओर, टेक्सटाइल और ऑटो सेक्टर के बड़े दिग्गजों को आकर्षित करने की योजना है. रेलवे मंत्रालय चाहता है कि इस योजना में टाटा ग्रुप, अडानी ग्रुप, महिंद्रा ग्रुप और मारुति जैसी बड़ी कंपनियां भागीदारी दिखाएं.
इसलिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को लेकर सरकार तेजी से काम कर रही है. मार्च 2021 तक 11 किमी का डीएफसी ट्रैक हो जाएगा, तैयार जिसपर ट्रेनें दौडऩा शुरू कर देंगी. रेलवे का लक्ष्य है कि मार्च 2022 तक पूरे 2800 किलोमीटर के डीएफसी ट्रैक को तैयार कर चालू ऑपरेशनल कर दिया जाए.
सूत्रों के मुताबिक अगर लंबी अवधि के लिए करार किया जाता है तो ई-कॉमर्स कंपनियां जैसे अमेजऩ या फ्लिपकार्ट भी प्राइवेट फ्रेट ट्रेन चलाने के लिए आगे आ सकती हैं. अभी भी भारतीय रेलवे में प्राइवेट फ्रेट ट्रेन या प्राइवेट कंटेनर ट्रेन चलाने का प्रावधान है, लेकिन अभी तक सिर्फ कोयला या स्टील के बड़े प्लेयर ही इसमें शामिल हैं, जो बहुत कम संख्या में पूरी ट्रेन या सारे कंटेनर की बुकिंग करते हैं. इसमें ज्यादा से ज्यादा निजी कंपनियां आएं, इसकी अभी बहुत गुंजाइश है.