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वैक्सीन नहीं लेने पर ११ गुना बढ सकती है मौत की संभावना

अमरिका की सीडीसी संस्था का निष्कर्ष

नई दिल्ली/दि.१३- कोविड संक्रमण के खिलाफ कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन एक तरह से रामबाण उपाय साबित हुई है और वैक्सीनेशन करा चुके लोगों के पास कोविड से बचने का कवच उपलब्ध हो गया है. किंतु जिन लोगों ने कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन नहीं लगाई है उनमें मौत की संभावना ११ गुना अधिक बढ गई है. ऐसा निष्कर्ष सेंटर फॉर डीसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) नामक अमरिकी संस्था द्वारा किये गये संशोधन के बाद निकाला गया है.

 क्या है सीडीसी की रिपोर्ट

– जिस समय अमरिका में डेल्टा वेरियंट का कहर जारी था उस वक्त टीकाकरण नहीं करानेवाले लोगों के कोविड संक्रमित होने की संभावना चार गुना अधिक थी.
– टीका लगवा चुके लोगों की तुलना में टीका नहीं लगानेवाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने का प्रमाण १० गुना तथा ऐसे लोगों की मौत होने का प्रमाण ११ गुना अधिक रहा.
– टीकाकरण का प्रभाव दीर्घकाल तक नहीं रहता. इस बात के मद्देनजर आगामी कुछ माह के दौरान अमरिका में बुस्टर डोज का अभियान चलाना पड़ेगा, ऐसा भी इस रिपोर्ट में कहा गया है.

* टीका लगवा चुके लोगों में भी संक्रमण का प्रमाण बढ़ा

– सीडीसी द्वारा अमरिका के १३ राज्यों में टीका लगवा चुके ६ लाख से अधिक लोगों में सर्वेक्षण किया गया. और पाया गया कि वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों के भी डेल्टा वेरियंट से संक्रमित होने का प्रमाण बढ रहा है.
– टीका लगवा चुके लोगों में कोरोना से बचने का प्रमाण १० फीसद से अधिक रहेगा, ऐसा विशेषज्ञों का अनुमान था. किंतु १८ फीसद लोगों में वैक्सीन का प्रभाव कम होने की बात सामने आयी है.
– जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है. उनके कोविड संक्रमित होने का प्रमाण काफी अधिक पाया जाने का निष्कर्ष निकाला गया है.

 तीसरे डोज की तैयारी

इस बीच येल विश्वविद्यालय द्वारा किए गये संशोधन से निष्कर्ष निकाला गया है कि वैक्सीन का तीसरा बुस्टर डोज संक्रमण के प्रमाण को ६८ फीसद घटा देता है. ऐसे में अमरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन ने देश में एक करोड़ लोगों को बुस्टर डोज लगाने की योजना पर काम करना शुरू किया है.

 

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