देश दुनिया

दो लाख से ज्यादा ट्रांजेक्शन मामले की आईडी को दे जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

नई दिल्ली /दि.18 – सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दो लाख रुपये से अधिक के नकद लेन-देन पर कड़ी चेतावनी जारी की है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने स्पष्ट कहा कि, जब कोई कानून बनाया गया है, तो उसका सख्ती से पालन भी होना चाहिए. कोर्ट ने वित्त अधिनियम 2017 के उन प्रावधानों के कमजोर क्रियान्वयन पर चिंता जताई, जिनके अंतर्गत 1 अप्रैल 2017 से नकद लेन-देन की सीमा 2 लाख रुपये तय की गई थी. ऐसे मामलों की जानकारी तत्काल आयकर विभाग को दी जानी चाहिए, सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष एक याचिका थी जो संपत्ति के स्वामित्व से जुड़ी थी. इसमें दावा किया गया था कि एडवास पेमेंट के तौर पर 75 लाख रुपये की राशि नकद में दी गई थी. अदालत ने स्पष्ट किया कि यह न केवल संदेहास्पद लेन-देन है, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 269 एसटी का सीधा उल्लंघन भी है. कोर्ट ने कहा कि जब भी कोई मामला सामने आता है जिसमें 2 लाख रुपये या उससे अधिक की नकद राशि का भुगतान किया गया हो, तो उस मामले की जानकारी संबंधित क्षेत्र के आयकर प्राधिकरण को दी जानी चाहिए.
शीर्ष अदालत ने सख्त निर्देश दिए कि यदि किसी भी अचल संपत्ति के लेन-देन या पंजीकरण दस्तावेज में यह दिखाया गया है कि, 2 लाख रुपयेगा उस अधिक की राशि नकद में दी गई है, तो संबंधित सब-रजिस्ट्रार को इस सूचना तुरंत क्षेत्रीय आयकर प्राधिकरण को देनी होगी. कोर्ट ने यह भी क कि, ऐसे मामलों में कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए आयकर विभाग को जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है.

Back to top button