मुंबई/दि.१४- विधानसभा के पटल पर आज महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शक्ति बिल को रखा गया. इसे हैदराबाद दिशा एक्ट की तर्ज पर तैयार किया गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा और विधानपरिषद में एस बिल को रखा. दोनों सदनों पर इस बिल पर चर्चा होगी. संख्या बल को देखते हुए इसके बिना किसी दिक्कत के पास होने की संभावना है. बता दें कि इस बिल में दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं. प्रस्तावित कानून को राज्य में लागू करने के लिये विधेयक के मसौदे में भादंसं, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है. गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कैबिनेट से पास होने पर शीतकालीन सत्र के दौरान इसके राज्य विधानमंडल में पेश किया जाने की बात कही थी. विधानमंडल का दो दिवसीय शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर यानी आज से शुरू हुआ है. बिल के कानून का रूप ले लेने पर शक्ति अधिनियम कहा जाएगा. इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है.