अलवर/दि.८ – कोरोना पॉजिटिव दूल्हे ने पीपीई किट पहन कर दुल्हन के साथ सात फेरे लिए. इस दौरान पंडित और दुल्हन के माता-पिता किट पहने दिखाई दिए लेकिन उपलब्ध होने के बावजूद दुल्हन ने पीपीई किट नहीं पहनी. यह वाकया राजस्थान के अलवर जिले का है. यही नहीं, फेरे की रस्म के दौरान दुल्हन के अलावा मौजूद अन्य रिश्तेदार और परिजन शादी में बिना पीपीई किट के फेरे के समय मौजूद रहे. इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहा और कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया गया. कोरोना प्रोटोकाल के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति के आसपास सभी को पीपीई किट पहनना आवश्यक है. मौके पर फेरों के समय पुलिस और प्रशासन के साथ मेडिकल की टीम भी मौजूद थी लेकिन किसी ने दुल्हन को पीपीई किट पहने बिना मंडप में फेरे लेने के आने से नहीं रोका. पंडित ने दूल्हा और दुल्हन के फेरे और अन्य रस्म कराई गईं और इसके बाद दुल्हन को विदा कराया गया और दूल्हे को कोरोना गाइड लाइन के तहत क्वारनटीन किया जाएगा.
अलवर जिले के नीमराणा पंचायत समिति क्षेत्र के कुतीना गांव निवासी रामेश्वर दयाल प्रजापत की पुत्री दीपिका का विवाह सोमवार को कमल सिंह प्रजापत पुत्र लखीराम निवासी पेहल तहसील मुंडावर के साथ होना निश्चित हुआ था. सोमवार शाम को दूल्हे की कोरोना पॉजि़टिव होने की सूचना प्रशासन के माध्यम से प्राप्त हुई जिससे शादी को लेकर हड़कंप मच गया. आनन-फानन में प्रशासन और पुलिस ने दुल्हन पक्ष को पाबंद किया गया. दूल्हा सहित 5 बारातियों को आने की अनुमति दी गई और दुल्हन के घर मंडप में फेरों के समय पीपीई किट सहित दूल्हा-दुल्हन, पंडित और दुल्हन के माता-पिता को पीपीई किट के साथ फेरों के समय रहने की अनुमति दी गई है.
मेडिकल टीम प्रभारी डॉक्टर अक्षय यादव ने बताया कि दूल्हा, दुल्हन, उनके माता पिता और पंडित को पीपीई किट में ही फेरे आदि कराने और कोरोना गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने को कहा गया था. लड़के के लग्न टीका में जितने व्यक्ति कुतीना जगह से गए थे, सबका सैम्पल लेने की व्यवस्था की जावेगी.