नई दिल्ली/दि.१७ – रक्षा मामलों पर संसदीय समिति की बैठक से वॉकआउट करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी है. राहुल गांधी ने बैठक में बोलने का मौका ना देने को लेकर ओम बिरला को पत्र लिखा है. राहुल गांधी ने कहा कि सदस्यों को मुद्दे उठाने का अधिकार है. चिट्ठी में राहुल गांधी ने कहा कि रक्षा संसदीय दल के मेंबर होने के नाते उनको यह अधिकार है कि वो कोई मुद्दा उठा सकते हैं. मगर किसी एक मेंबर को बोलने की अनुमति ही नहीं दी जाए, यह गैर लोकतांत्रिक है और उनके अधिकारों का हनन है.
गौरतलब है कि बुधवार को रक्षा संसदीय दल की बैठक थी, जिसमें राहुल गांधी समेत दो और सांसदों ने बैठक का बहिष्कार किया था. कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी को चेयरमैन ने बोलने नहीं दिया जिसके बाद उनके पास कोई और उपाय नहीं रह गया था. इससे पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि संसदीय समिति ने सशस्त्र सेनाओं की यूनिफॉर्म पर चर्चा करके समय खराब किया. सूत्रों के मुताबिक, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत कमेटी को रक्षा यूनिफॉर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे, उस समय राहुल गांधी ने हस्तक्षेप किया कि आखिर देश की तैयारी लद्दाख में क्या है? चीन के खिलाफ हमारी क्या रणनीति है, इस पर चर्चा हो. राहुल गांधी ने कहा कि देश के सियासतदानों को सेना की यूनिफार्म पर चर्चा करने के बजाए राष्ट्रीय सुरक्षा के अहम मसलों पर चर्चा करनी चाहिए. कमेटी के अध्यक्ष जुअल ओराम ने राहुल गांधी को बीच में बोलने से रोका. उसके बाद राहुल गांधी बैठक से वॉकआउट कर गए और उनके साथ साथ राजीव सांचा और रेवंथ रेड्डी भी बैठक से बाहर निकल गए.
दरअसल, राहुल गांधी लगातार चीन के साथ लद्दाख सीमा पर जारी विवाद को उठाते रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रामक अंदाज में निशाना साधते आए हैं. राहुल गांधी की ओर से दावा किया गया था कि चीन भारत की सीमा में घुस चुका है और काफी जमीन पर कब्जा कर लिया है. लेकिन पीएम मोदी चीन से डरते हैं, इसलिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
मई में लद्दाख सीमा पर शुरू हुए विवाद के मसले पर राहुल गांधी कई बार सोशल मीडिया, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को घेर चुके हैं. इसके अलावा नेपाल, बांग्लादेश के साथ रिश्तों को लेकर भी कांग्रेस मोदी सरकार पर निशाना साध चुकी है.