राहुल गांधी ने अब पीएम केयर्स से दिए गए वेंटिलेटर को लेकर पीएम मोदी पर साधा निशाना
कहा- दोनों ही अपना काम करने में फेल
नई दिल्ली/दि. 17 – वैक्सीन की कमी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शुरू हुआ पोस्टर वार अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि अब कोरोना महामारी से जूझ रहे मरीजों के लिए वेंटिलेटर का मुद्दा गरमाता जा रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘पीएम केयर्स के वेंटिलेटर और स्वयं पीएम में कई समानताएं हैं, दोनों का हद से ज़्यादा झूठा प्रचार, दोनों ही अपना काम करने में फेल और जरुरत के समय दोनों को ढूंढना मुश्किल.’ देश की किसी भी राज्य की बात करें वेंटिलेटर की कमी हर राज्य से मिल रही है. पंजाब से शुरू हुई यह कहानी अब देश के छोटे छोटे कसबों तक जा पहुंची है जहां या तो वेंटिलेटर हैं नहीं और यदि वेंटीलेटर मिले भी हैं तो उनका उपयोग नहीं हो रहा है.
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सरकार का दावा- राज्यों में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर
सरकार का दावा है कि वह राज्य सरकारों को पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर दे चुकी है लेकिन राज्य सरकारें उनका सही उपयोग नहीं कर पा रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पिछले दिनों की गयी समीक्षा बैठक के बाद ये दावा किया गया कि गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित मरीज़ों के लिए दिए गए वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 23699 वेंटिलेटर विभिन्न चिन्हित देश भर के अस्पतालों में लगाए गए. ये वेंटिलेटर सरकार द्वारा खरीदे गए 7948 उन वेन्टीलेटरों का हिस्सा थे जो पीएम केयर फण्ड से खरीदे गए थे. केंद्र का दावा है कि अलग-अलग राज्यों को 36825 वेंटिलेटर आवंटित किये गए जिनमें से 30893 वेंटिलेटर अब तक राज्यों को दिए जा चुके हैं. महाराष्ट्र को 4434 वेंटिलेटर आवंटित किये गए, जिनमें से 4427 की आपूर्ति की जा चुकी है और 3559 स्थापित भी किये जा चुके हैं.
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वेंटिलेटर है भी तो चलाने वाले प्रशिक्षित कर्मी मौजूद नहीं
सरकार के दावों के विपरीत, राज्यों के अपने तर्क हैं. उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में केंद्र द्वारा भेजे गए वेंटिलेटर के बॉक्स अभी तक खुले नहीं हैं और वे स्टोर में धुल फांक रहे हैं क्योंकि कुछ ज़िलों में वेंटिलेटर चलाने से लिए प्रशिक्षित कर्मी नहीं हैं तो कहीं वेंटिलेटर की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. फ़िरोज़ाबाद के सरकारी अस्पताल में 27 से अधिक वेंटिलेटर आज भी बेकार पड़े है क्योंकि इनकी गुणवत्ता को लेकर डॉक्टर संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि राज्य को 1988 वेंटिलेटर दिए गए जिनमें से केवल 1413 वेंटीलेटर लगाए तो गए लेकिन उनका पूरा उपयोग आज भी नहीं हो पा रहा है. कर्नाटक में 1189 , पंजाब में 1413, बिहार में 319 , असम में 380 वेंटिलेटर लगाए गए जबकि सिक्किम में अभी तक एक भी वेंटिलेटर स्थापित नहीं हो सका है. इनके उपयोग न होने का बार बार एक ही तर्क दिया जा रहा है कि या तो वेंटिलेटर चलाने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों की कमी है अथवा उनकी गुणवत्ता उपयोग के अनुकूल नहीं है. उल्लेखनीय है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान खराब वेंटीलेटर्स की खरीद को लेकर कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में राजनितिक तूफ़ान उठा था जिसके बाद सरकार को बार बार सफाई देने के लिए मज़बूर होना पड़ा. राहुल ने एक बार फिर उसी मुद्दे को हवा दे दी है जिससे सरकार और विपक्ष के बीच नई जंग शुरू होती दिख रही है.