कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी समेत २०३ नेताओं पर एफआईआर
नई दिल्ली/दि.१ – कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक वन पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के 203 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में इन लोगों के खिलाफ कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं. मुकदमा गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ओर से ही दर्ज किया गया है.
पुलिस की ओर से कहा गया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी करीब 200 कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस जाने के लिए डीएनडी के रास्ते नोएडा में प्रवेश किए. जिसमें लगभग 50 गाडिय़ां भी काफिले में शामिल थीं. उस काफिले में शामिल सभी लोगों को जनपद में धारा 144 लागू होने, कोविड-19 की स्थिति से अवगत कराते हुए आगे नहीं जाने का अनुरोध किया गया, लेकिन काफिले में शामिल सभी कार्यकर्ता तथा गाडिय़ां यातायात के नियमों का उल्लघंन करते हुए तथा आम जनता के लिए यातायात में व्यवधान उत्पन्न करते हुए तेजी से यमुना एक्सप्रेस वे की तरफ जाने लगे.
पुलिस की ओर से आगे कहा गया कि नोएडा एक्सप्रेस-वे पर काफिले में शामिल दो गाडिय़ों में भिडंत भी हो गई. जिसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वांइट पर काफिले को रोकने का प्रयास किया गया जहां पर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा पुलिस के साथ हाथापाई व धक्कामुक्की की गई. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी यमुना एक्सप्रेस वे पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगे, जिससे एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ जाम की स्थिति पैदा हो गई. इसमे कई एम्बुलेंस भी फंसे हुए थे.
पुलिस का कहना है कि जनपद में धारा 144 लागू है और बिना अनुमति के एक्सप्रेस वे पर इतनी संख्या में यह लोग जबरन जाने की कोशिश करने लगे. इन्हें बताया गया कि यहां पर धारा 144 लागू है और आप उल्लंघन कर रहे हैं. हमने लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगडऩे की भी बात कही, लेकिन इन लोगों पर कोई असर नहीं हुआ. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित 203 लोगों के खिलाफ स्नढ्ढक्र दर्ज की गई है.
बता दें कि राहुल और प्रियंका गांधी हाथरस गैंगरेप पीडि़ता के परिजनों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे. लेकिन उन्हें ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर ही रोक दिया गया. पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी ले लिया था. हालांकि बाद में छोड़ दिया गया. इसके बाद कांग्रेस के ये दोनों नेता वापस दिल्ली आ गए और इस तरह पुलिस उन्हें हाथरस जाने से रोकने में सफल रही.