भोपाल/दि.१- मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के भोपाल और इंदौर में लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई की. इस छापेमारी मेंं 4 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बरामद की गई है.
लोकायुक्त पुलिस द्वारा आज सुबह 4 बजे भोपाल में छापे की कार्रवाई प्रारंभ की गई. छापे में प्रदीप खन्ना के भोपाल के गौतम नगर और गोविन्दपुरा स्थित घरों में से 9 लाख रुपए कैश मिले हैं. 13 लाख की गोल्ड ज्वैलरी के साथ ही जमीन के कागजात भी मिले हैं. घर से दो कार और चार दोपहिया वाहन मौजूद थे. टीम नौकरी के दौरान उनकी सैलरी के साथ संपत्तियों की जानकारी जुटा रही है. इंदौर में भी फ्लैट में छापे के दौरान लोकायुक्त पुलिस को अवैध संपत्ति के कई दस्तावेज मिले हैं.
इसके साथ ही खनिज अधिकारी की वैध आय से कहीं ज्यादा चल-अचल संपत्ति के सुराग पाये गये हैं. लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (DSP) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से बड़ी संपत्ति अर्जित की है. इसके बाद इंदौर और भोपाल में उनके दो ठिकानों पर छापे मारे गये.
उन्होंने बताया कि खन्ना पिछले पांच साल से इंदौर में जिला खनिज अधिकारी के रूप में पदस्थ थे. हाल ही में राज्य सरकार ने उनका तबादला इंदौर से श्योपुर किया है. बघेल ने बताया कि छापों में खनिज अधिकारी के ठिकानों से नौ लाख रुपये से ज्यादा की नकदी के साथ 13 लाख रुपये मूल्य वाले सोने के जेवरात और एक लाख रुपये कीमत के चांदी के आभूषण मिले हैं.
उन्होंने बताया कि खन्ना के खिलाफ जारी जांच के घेरे में आयीं अचल सम्पत्तियों में इंदौर में नवनिर्मित तीन मंजिला भवन, एक फ्लैट और 1,500 वर्ग फुट का भूखंड शामिल हैं. भोपाल में उनका एक मकान मिला है. बघेल ने बताया कि जांच में पता चला है कि खन्ना की संतानों की उच्च शिक्षा पर लगभग 40 लाख रुपये का खर्च किया गया है.उनके परिवार द्वारा विदेश यात्रा किये जाने की सूचना मिली है. वहीं परिवार के छह बैंक खातों और एक लॉकर की जानकारी भी मिली है. डीएसपी ने बताया कि खन्ना खनिज विभाग में वर्ष 1986 में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में नियुक्त हुए थे. वह वर्ष 2001 में खनिज अधिकारी के रूप में पदोन्नत हुए थे. खनिज अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. उसकी बेहिसाब संपत्ति का विस्तृत मूल्यांकन जारी है.