रेल सफर हुआ महंगा
नई दिल्ली/दि.३०– भारतीय रेलवे ने यात्रियों को किराए में हमेशा से भारी सब्सिडी देता आया है और अभी यात्री राजस्व कोविड़ के कारण खत्म हो गया है,यहां तक कि माल भाड़े, जो कम यात्री किराए की भरपाई करते हैं वे और भी कम हो गए हैं.
यात्रियों को राहत देने के लिए, भारतीय रेलवे ने सभी त्योहार विशेष रेलगाडिय़ों के संचालन को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. यह निर्णय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा पिछले सप्ताह चार महीने की छूट का प्रस्ताव देने के बाद आया है. स्टेशन और ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए यात्रियों को अत्यधिक राहत की आवश्यकता होगी.
रेलवे ने दिवाली और छठ पर भारी भीड़ के मद्देनजर रेलवे बोर्ड की मंजूरी के बाद 30 नवंबर तक मुंबई, दिल्ली, हटिया, कोलकाता, बैंगलोर के लिए त्योहार विशेष ट्रेनों की घोषणा की है. स्पेशल ट्रेनों पर दी जाने वाली सेवाएं बेहतर होंगी, इसलिए किराया अधिक होने की उम्मीद है. इसके अलावा, ट्रेन यात्रा पर नए लेवी प्रमुख रेलवे स्टेशनों तक पहुंचने के लिए उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में होने की संभावना है.
प्लेटफॉर्म टिकट के लिए और पार्किंग सुविधाओं जैसे अन्य स्टेशन सुविधाओं का उपयोग करने के लिए उच्च शुल्क भी देना पड़ सकता है. पहले से ही, भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जा रही त्यौहार स्पेशल ट्रेनें किराए में वृद्धि कर रही हैं जो कि आधार किराए की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक हैं, क्योंकि आईआर ने इस तरह की ट्रेनों के लिए पहले से लागू रियायत योजनाओं को निलंबित कर दिया है और नियमित ट्रेन सेवाएं वैसे भी अभी निलंबित हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने ट्वीट किया, मोदी सरकार आम आदमी के लिए त्योहार की रौनक बढा रही है तो सरकार को फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों के बढ़े हुए किराए को वापस लेना चाहिए.
वल्लभ ने आगे कहा कि किराया 30 प्रतिशत अधिक था. उदाहरण के लिए, सबसे कम स्लीपर का किराया पहले के 510 रुपये के मुकाबले 650 रुपये था, जो 27 प्रतिशत से अधिक था.
एक आईआर प्रवक्ता ने त्योहारों के मौसम के दौरान यात्री किराए में बढ़ोतरी की खबर को भ्रामक और गलत करार दिया, विशेष ट्रेनों के किराए पर 2015 की नीति का हवाला देते हुए. प्रवक्ता ने कहा कि त्योहारों दौरान चलाई जाने वाली एसी ट्रेनें विशेष किराए से हैं और दूसरी श्रेणी के लिए मूल किराए का 10 प्रतिशत और अन्य सभी वर्गों के लिए मूल किराए का 30 प्रतिशत निर्धारित हैं. उन्होंने कहा कि इन विशेष किराये के बावजूद, आईआर अभी भी यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्री के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय बोझ वहन करता है.
रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य अजय शुक्ला ने कहा कि उच्च किराया होना अभी आवश्यक के साथ-साथ आईआर के लिय् भी जरूरी हैं. भारतीय रेलवे दुनिया भर में सबसे अक्षम प्रणाली है.